Tuesday, 25 November 2014

सविता भाभी - 2

दो दिन बाद शनिवार भी आ गया हम दोनों जाने को तैयार हो गए।

भाभी और मैंने शनिवार को चार बजे घर से निकलने का प्रोग्राम रखा, 4-5 घंटे में हम लखनऊ पहुँच जाते, बस से हम लोग जा रहे थे।
भाभी साड़ी ब्लाउज में थीं, मैंने टी शर्ट और जीन्स पहनी हुई थी।

शनिवार को हम बस से चले, दिसम्बर का महीना था, रात ठण्डी थी, बस 5 बजे चली 9 बजे तक हम लखनऊ पहुँच जाते।

बस में पीछे वाली दो लोगों की सीट पर हम जाकर बैठ गए।

बैठते ही भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और धीरे से सहलाने लगीं।
मैंने हाथ की कोहनी धीरे से ब्लाउज के ऊपर से उनकी चूचियों पर लगा दी और उनकी चूची कोहनी से धीरे धीरे दबाने लगा।

थोड़ी देर बाद उत्तेजना में भरकर मैंने अपना एक हाथ उनके ब्लाउज के ऊपर रखकर पूरा स्तन दबा दिया।

भाभी हाथ हटाकर फुसफुसाते हुए बोलीं- सात बजे जब पूरा अँधेरा हो जाए तब मज़े ले लेना, थोड़ा सब्र कर लो।

मैं संभल गया, भाभी और मैं बातें करने लगे।
पौने सात बजे करीब बस एक ढाबे पर रुकी, भाभी बाथरूम चली गईं, मैंने दो चाय का आर्डर कर दिया।

भाभी मुस्कराते हुए चाय पीने के बाद मुझसे बोलीं- खुले पैसे मेरे पर्स से दे दो।

मैंने जब पर्स में से पैसे निकाले तो देखा उसमें उनकी ब्रा और पैंटी रखी हुई थी।

मेरी आँखें उनके ब्लाउज की तरफ चली गई।

भाभी मुस्करा उठीं और उन्होंने अपना पल्ला ब्लाउज पर इस तरह से कर लिया की चूचियों से चिपका ब्लाउज पूरा दिखने लगा।

इतने पास से देखने पर साफ़ पता चल रहा था ब्लाउज के अन्दर ब्रा नहीं है। बिना ब्रा के उभार पतले ब्लाउज से साफ़ दिख रहे थे और काली निप्पल की चोंच भी चमक रही थी।

मुझे घूरता देख भाभी होंट काटते हुए धीरे से बोलीं- अभी उतारी है तुम्हारे लिए… हॉर्न कैसे लग रहे हैं?

मैंने कहा- बजाने का मन कर रहा है।

हँसते हुए भाभी बोलीं- बस चले, तब बजा लेना। मैं भी तुम्हारा हैंडल पकड़ कर गियर बदलती रहूँगी।

तभी बस का हॉर्न बजा, हम लोग बस में आ गए।

बस जब ढाबे से से चली तब तक सात बज़ चुके थे और अँधेरा हो गया था।

बस में पीछे की बड़ी सीट खाली थी और सवारी आगे बैठी हुईं थीं हम सबसे पीछे थे।

भाभी ने मुझे दिखाते हुए अपने ब्लाउज के सारे बटन खोल लिए।

अपनी नंगी चूचियाँ दिखाते हुए बोलीं- चाय तो पी ली, अब दूध और पी लेना।

चूचियाँ ढकते हुए बोलीं- उह उह… ठण्ड लग रही है पहले बैग में से लोई (गरम चादर) उतार लो ना!

मैंने लोई बैग से निकाल लीं।
बस में मुझे ऐसा लगा कि अधिकतर लोग हमें पति पत्नी समझ रहे थे।

इस बीच बस वाले ने अन्दर की लाइट बंद कर दी थी, पूरी बस में अँधेरा हो गया था।
मेरा लौड़ा तन कर हथोड़ा हो रहा था।

लाइट बंद होते ही भाभी ने लोई ओढ़ ली और मुझे भी उढ़ा दी।
हम दोनों अब एक लोई में थे।
भाभी ने मेरा हाथ ब्लाउज के अन्दर घुसवा लिया और मेरे हाथ अपनी नंगी चूचियों पर रख दिए।
उनके दोनों नग्न स्तन मेरे हाथों में थे, मैं उन्हें कस कस कर दबाने लगा, स्तनों की निप्पल पकड़ कर मैंने नुकीली कर दी थीं और बारी बारी से दोनों गुल्लों का जूस निकाल रहा था।

भाभी गर्म हो गईं थीं। उन्होंने मेरी जींस की चैन खोल कर मेरा लौड़ा अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगीं।

मुझसे रहा नहीं गया, मैंने चिपक कर उनके गाल चूम लिए।
उन्होंने मुझे झटके से हटा दिया, वो थोड़ा घबरा गईं थीं, मेरे लौड़े से हाथ हटाते हुए धीरे से बोलीं- होश में रहो!

मैंने भी अपना हाथ खींच लिया।
हमारे पीछे कोई नहीं बैठा था, बस में घुप्प अँधेरा था, थोड़ी देर हम शांत रहे।
इसके बाद भाभी ने हाथ दुबारा खींच लिया और अपने पेट पर रख लिया, मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मेरा लौड़ा उफान खा रहा था।
मैं उनका नंगा पेट और नाभि सहलाने लगा बार बार उनकी नाभि में उंगली घुसा देता था।

भाभी भी गर्म हो रही थीं, उन्होंने दुबारा जींस में से मेरा लौड़ा बाहर निकाल लिया था और अँधेरे में उसके टोपे पर उँगलियाँ फिराने लगीं।

मैं अपना हाथ उनकी साड़ी की गाँठ के अन्दर घुसाने लगा।
भाभी ने मेरा हाथ हटा कर अपनी साड़ी की गाँठ थोड़ी ढीली कर दी और मेरा हाथ नाभि पर रख दिया।
नाभि के रास्ते से आराम से हाथ उनकी साड़ी के अन्दर घुस गया।

चिकना पेडू सहलाते हुए हाथ बार चूत प्रदेश में फिसल रहा था।

चूत पूरी चिकनी थी, मैं चूत में उंगली डालने की कोशिश कर रहा था पर सफल नहीं हो पा रहा था, बार बार चूत का मुँह सहला कर रह जा रहा था।

भाभी मेरा हाथ हटाते हुए बोलीं- दो मिनट रुको।
उन्होंने झुककर अपनी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर उठा लिया और लोई से मुझे और खुद को ठीक से ढक लिया।
मेरा हाथ अपनी गर्म जाँघों पर रख दिया।

नंगी जांघे सहलाते ही मेरे लौड़े ने थोड़ा सा वीर्य छोड़ दिया।

उन्होंने दोनों जांघें एक दूसरे से चिपका रखी थीं, मुझे इस खेल में बड़ा आनन्द आ रहा था।
मैंने दबाब बनाते हुए अपना हाथ दोनों जाँघों के बीच घुसा दिया।

भाभी ने थोड़ी सी अपनी टांगें चौड़ी कर ली, अब मेरा हाथ सरकते हुए उनकी चूत के द्वार पर पहुँच गया, उन्होंने एक हाथ से जोरों से मेरा लौड़ा सहलाते हुए दूसरे हाथ से मेरी उंगली चूत के दाने पर रख दी और कान में बोलीं- पहले थोड़ा इसे सहलाओ, बड़ा मन कर रहा है।

मैं उनकी चूत के दाने को सहलाने लगा, बीच बीच में उंगली उनकी चूत के अन्दर भी घुसा देता था, पूरी चूत रसीली हो रही थी।

मस्ती चरम सीमा पर थी, इसी बीच कोई स्टॉप था, लाइट खुल गई हम लोग हट गए।

इस स्टॉप पर काफी लोग उतर गए थे।

इसके बाद हमारे आगे वाली दो तरफ की सीटों पर बैठे लोग आगे सीटों पर चले गए।

अब हमारे चारों तरफ खाली था, लखनऊ आने में अभी एक घंटा था, लाइट दुबारा बंद हो गई।

हम लोग बगल में खाली पड़ी तीन लोगों की सीट पर आ गए।

भाभी ने मुझसे कहा- मेरी गोद में लेट लो, कोई नहीं देख रहा है।

मैं सीट पर पैर फेलाते हुए भाभी की गोद में लेट गया, लोई से उन्होंने मुझे ढक लिया और मेरा मुँह नीचे सरकते अपने स्तनों में लगा दिया।

मैं अब उनके दूध चूसने लगा और वो मेरा लौड़ा सहलाने लगीं।
एक चूची चूसते हुए दूसरी दबाते हुए सेक्स के आनन्द में मज़ा आ गया।

कुछ देर बाद उन्होंने मुझे उठा दिया और बोलीं थोड़ी देर मुझे भी अपनी गोद में लेटा लो न।

अब हमने जगह बदल ली, भाभी मेरी गोद में लेट गईं और उन्होंने मेरा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया।

मैं अपनी सिसकारियों पर रोक लगाए हुए था, यह चरम सीमा थी।

मैंने 3-4 बार उनकी चूचियाँ कस कर मसल दीं थी, इस बीच मेरा वीर्य उनके मुँह में छुट गया, भाभी ने पूरा वीर्य मुँह में लिया उसके 5 मिनट बाद हम दोनों अलग हो गए।
हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक करे।

दस मिनट बाद हमारा हमारा स्टॉप आ गया था।

स्टॉप पर उतर कर भाभी साड़ी का पल्लू हटाकर मुझसे बोलीं- देखो, ब्लाउज के सारे बटन टूट गए, सिर्फ एक बचा है।

मैंने देखा कि उनके ब्लाउज का सिर्फ नीचे का एक बटन बचा था, जिसे उन्होंने लगा लिया, स्तन ब्लाउज में कहने मात्र को बंद हो गए थे, उनकी नंगी गोलाइयाँ और काली निप्पल ब्लाउज से बाहर झांक रहा थी और स्तनों की सुन्दरता में चार चाँद लगा रही थी।

भाभी ने ब्लाउज को पल्लू से ढकते हुए कहा- अब ऑटो में चूचियों पर रहम कर देना।

भाभी और मैंने ऑटो कर लिया, ऑटो में भाभी ने मेरे मुँह पर पप्पियों की बारिश कर दी और बोलीं- रास्ते में बड़ा मज़ा आया।

पूरे रास्ते हम पति पत्नी की तरह बैठे और एक दूसरे को बाहों में भरकर स्टॉप आने तक लब-चुम्बन करते रहे।

दस बजे हम सोनम के घर थे, वो घर में अकेली थी।
सोनम 22-23 साल की एक कमसिन बदन की मालकिन थी, थोड़ी सांवली थी लेकिन उसके चेहरे से जवानी का रस टपक रहा था।

भाभी को देखकर वो उनसे चिपक गई और बोली- तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है।

अन्दर घुसते ही भाभी ने सोनम की तरफ देखते हुए कहा- विकास, यह मेरी पक्की सहेली है, हम साथ साथ पढ़े हैं। इसे मैं सोनम कम कुतिया ज्यादा बोलती हूँ, यह भी मुझे प्यार में रंडी बुलाती है।

सोनम से भाभी बोलीं- यह मेरा देवर विकास है, इससे शर्माने की कोई जरूरत नहीं, पूरे रास्ते हम मज़े करते आ रहे हैं।

सोनम भाभी का पल्लू हटा कर ब्लाउज का एक मात्र बटन खोल कर उनकी चूचियों पर हाथ फिराते हुए बोली- हाँ हाँ… दिख रहा है, पूरे रास्ते तू अपने गुब्बारों में देवर जी से हवा भरवाते हुए आ रही है, तभी तो एक बटन बचा है।

भाभी हँसते हुए अपनी साड़ी उतारने लगीं और सोनम से बोलीं- तू तो एक कुतिया की तरह ही सोच सकती है।

भाभी ने ब्लाउज भी उतार दिया और सोनम से बोलीं- जा जल्दी से अपनी एक मैक्सी दे दे।

यह सब देखकर मेरा लौड़ा फिर खुलने लगा था।

सोनम कमरे से बाहर चली गई। पेटीकोट में भाभी मेरे सामने टॉपलेस खड़ी थीं, अंगड़ाई लेते हुए उन्होंने अपने स्तन हिलाए और बोली- आज रात पूरी अपनी है जमकर मज़े करेंगे।

मुझको एक गोली का पत्ता देकर बोलीं- सुबह शाम एक एक खा लेना, चोदने में मज़ा आ जाएगा, पूरे दिन 5-6 बार चूत मारने के बाद भी कमजोरी नहीं लगेगी।

यह कहकर भाभी बाहर चली गईं..

थोड़ी देर बाद भाभी और सोनम आ गए, दोनों ने सेक्सी लो कट मैक्सी पहन रखी थी।

खाने के बाद हम लोग साथ बैठकर डबल बेड की रजाई में मूंगफली खाने लगे।

भाभी और सोनम सामने बैठी थीं हम लोग बातें करने लगे भाभी मेरे पैर अपने पैर से रजाई के नीचे से सहलाने लगीं।

उधर सोनम जब भी झुकती उसकी लो कट ढीली मैक्सी से उसकी पूरी चूचियाँ दिखने लगतीं थीं।

मैंने भाभी की मैक्सी के अन्दर से पैर उनकी जाँघों में घुसा दिए थे और पैरों से उनकी जांघें गरम कर रहा था।

बारह बजे के पास भाभी सोनम से बोली- अब सोते हैं, तू अपने कमरे में सो जा, मैं तो इसके साथ ही सो जाऊँगी।

सोनम भी खुल गई थी, मुस्कराते हुए बोली- हाँ हाँ रंडी, सो जा, तुझे अपनी भट्टी की आग जो बुझानी है, तेरा ऑपरेशन चूत जो चल रहा है। लेकिन इस बेचारे के घोड़े की जान मत ले लेना।

भाभी हँसते हुए बोली- तू तो एक कुतिया की तरह ही सोच सकती है… यह तो मेरा देवर है देवर तो बच्चे के सामान होता है।
थोड़ा दूध पिला कर सुला दूँगी। वैसे भी मेरी भट्टी पर तो तेरे भाई का राज है, अब तू तंग मत कर और जाकर सो और हमें भी सोने दे।

सोनम वहाँ से चली गई।

भाभी ने सोनम के जाने के बाद पर्स से निकाल कर एक गोली खा ली और बोलीं- गर्भ निरोधक है, मुझे तो नंगे लौड़ा से ही चुदने में मज़ा आता है।

उन्होंने अपनी मैक्सी उतार दी और मुझे भी पूरा नंगा कर दिया।
मेरे लौड़े को सहलाते हुए बोलीं- आज किसी का डर नहीं, आज तो डलवाने में मज़ा आ जाएगा, लाइट खुली रहने देना, रोशनी में चुदने का तो एक अलग ही मज़ा है, पूरी अपनी औरत समझ कर चोदना यहाँ किसी का डर नहीं, यह सोनम तो अपनी यार है कुतिया को मैंने पहले ही बता रखा है कि अपने देवर से चुदने आ रही हूँ, न कि एग्जाम देने… तभी हरामण, ऑपरेशन चूत चूत कर रही थी।

उन्होंने झुककर मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और चुसना शुरू कर दिया।

रास्ते भर मैं बुरी तरह से उतेजित था, मैंने भाभी के मोटे मोटे नितंब दबाने, सहलाने और पीटने शुरू कर दिए, बीच बीच मैं उनकी गाण्ड में भी उंगली घुस देता था।

थोड़ी देर बाद भाभी लेट गईं और टांगें चौड़ी करके बोलीं- आह आह… अब पेल दो, रहा नहीं जा रहा है।

उनकी चूत मेरी आँखों के सामने थी, मैं उनके ऊपर चढ़ गया, अपने हाथ से चूत पर मेरा लौड़ा लगाते हुए बोली- आज बस में तुमने बहूत तड़पाया है। अब इस कमीनी फ़ुद्दी को फाड़ दो।

मैंने भाभी की चूत में लौड़ा घुसेड़ दिया और उसे अन्दर पेलने लगा।

उनकी दोनों चूचियाँ मेरी मुट्ठी में थीं, एक दूसरे से दूधों को मिलाते हुए मैंने चूत की चुदाई शुरू कर दी थी।

भाभी ने मेरी पीठ पर अपनी टांगें मोड़ लीं थी और लौड़ा को अपनी गाण्ड हिलाते हुए पूरा अन्दर तक घुसवा लिया, मेरे टट्टे भी उनकी चूत पर तबला बजाने लगे थे, लौड़ा भाभी की चूत फाड़ रहा था।

हम दोनों के बदन रगड़ खा रहे थे, भाभी आह उह उह की आवाजें बिंदास भर रही थी और अपके चूतड़ हिला कर लौड़ा अन्दर बाहर करते हुए निडर होकर चुदने का मज़ा ले रही थीं।

बार बार उतेजना से वो चिल्ला रही थीं- चोदो विकास चोदो… इस कमीनी चूत को चोदो… बड़ा मज़ा आ रहा है… आह पेलो न… उह आह उह उई उई उई… और अन्दर… और अन्दर… वाह क्या पेला है, वाह वाह…

भाभी की आहों ने मुझे पूरा उत्तेजित कर दिया था, मैं पूरी ताकत से धक्के मार रहा था, दोनों तरफ से पूरा सहयोग हो रहा था।

थोड़ी देर में मेरा गर्म लावा उनके गर्भ प्रदेश में घुस गया, उन्होंने भी ढेर सारा चूत रस छोड़ दिया था।

हम दोनों कस कर दुबारा एक दूसरे से चिपक गए। यह सेक्स का क्लाइमेक्स था। उसके बाद एक दूसरे से चिपक कर हम सो गए।

सुबह एक बार भाभी ने फिर मुझे अपनी बाहों में भर लिया और हम एक बार फिर एक दूसरे से चूमा चाटी करने लगे।

तभी बाहर से दरवाज़ा खटका सोनम की आवाज़ आई- रण्डी, अब उठ जा, एग्जाम दे आ, मैं चाय बनाने जा रही हूँ।

भाभी नंगी उठीं और दरवाज़ा की सांकल खोलकर फिर रजाई में लेट गई और बोलीं- चाय पीकर कपड़े पहनेंगे।

मेरा तना हुआ लौड़ा सहलाते हुए बोलीं- आह, चुदने का बड़ा मन कर रहा है लेकिन सात बज़ रहे हैं अब तो उठाना पड़ेगा। तुम दिन में यहीं रहना और एक बार इस सोनम कुतिया पर ट्राई मार लेना, साली रात मैं कह रही थी देवर तो बड़ा चिकना है, पति से तो इसका झगड़ा एक साल से चल रहा है, चूत भी कुतिया की उबल रही होगी।

भाभी के निप्पल उमेठते हुए मैंने कहा- लेकिन सोनम तो देखने में आपसे कम सुंदर और काली है, उसकी चूचियाँ भी छोटी छोटी हैं, आप जितना मज़ा कहाँ आएगा?

लौड़े का टोपा रगड़ते हुए भाभी बोलीं- चूत का मज़ा गोरे काले, दुबले पतले, से नहीं चोदने से आता है और चोदू लोग मिलती हुई चूत को छोड़ते नहीं है। मौका मिले तो चूकना नहीं, चूत चोद कर ही छोड़ना दबा दबु के छोड़ दिया तो तुम्हें चूतिया मानेगी। थोड़े खिलाड़ी तो अब तुम हो ही गए हो।

मैं रजाई के अन्दर घुस कर उनकी एक चूची मुँह में लेकर चूस रहा था और दूसरी दबा रहा था, भाभी बोलती जा रही थीं।

तभी सोनम चाय लेकर आ रही थी, भाभी ने रजाई नीचे खिसका दी और बोलीं- इसी तरह चूसते रहो, कुतिया की बुर में खुजली हो रही होगी रात का सोच सोच के ये सब देखकर और गर्म होगी।

तभी सोनम कमरे में आ गई, भाभी सोनम से बोलीं- रात को थके थे, जल्दी नींद आ गई, बेचारे को दुद्दू भी नहीं पिला पाई, इतनी दूर साथ आया है, इतना तो बनता ही है।

उसके बाद सोनम के कान में भाभी ने कुछ फुसफुसाया।

सोनम हँसते हुए बोली- रंडी अब उठ जा, एग्जाम दे आ।

इसके बाद हम अलग हो गए, सबने साथ साथ चाय पी, उसके बाद भाभी उठीं और बाथरूम में फ्रेश होने चली गईं।

सोनम मेरी तरफ देखते हुए बोली- रात को तो मज़ा आ गया होगा… चलो तुम भी तैयार हो जाओ, हम दोनों भाभी को छोड़ आते हैं।

मैं कपड़े नहीं पहने था, सिर्फ चादर ओढ़े था, बोला- दीदी थोड़ी देर को बाहर जाओ ना!

सोनम बोली- दीदी की माँ की चूत, मुझे सोनम बुलाओ, कुतिया और रंडी भी चलेगा लेकिन दीदी दोबारा बोला तो गाण्ड में बांस घुसा कर यहाँ से भगा दूँगी। अच्छा यह बताओ कल भाभी से क्या मज़े कर लिए? हॉर्न तो मेरे सामने बजा ही रहे थे।

मैंने झेंपते हुए झूठ बोला- हम तो थके हुए थे, लेटते ही नींद आ गई थी, वो तो सुबह सुबह भाभी ने चिपका लिया था।

सोनम बोली- ओह तुम तो मुझे अच्छे शरीफ लड़के लगते हो। यह सविता कुतिया बहुत झूठ बोलती है, कान में कह रही थी कि रात भर विकास ने सोने नहीं दिया, ऊपर पहाड़ मसल डाले और नीचे सुरंग खोद डाली, दोनों जगह खूब बजाया। पहले इस रंडी को छोड़ कर आते हैं फिर लौट कर बातें करते हैं।

उसने साइड में पड़ा मेरा नेकर उछाल के फेंका और बोली- ये लो, पहनो मैं अभी आती हूँ।

मैं नेकर पहन कर फ्रेश होने लगा।

तभी भाभी नहा कर मैक्सी में बाहर आ गईं और सोनम तौलिया लेकर अन्दर बाथरूम में चली गई।
भाभी ने इशारे से मुझसे कहा- बाथरूम में झांककर देखो।

जब मैंने अन्दर झाँका तो दंग रह गया सोनम टॉयलेट की सीट पर टांगें चौड़ी करके नंगी बैठी हुई थी और अपनी चूत पर मोमबत्ती फिरा रही थी।

उसके कमसिन बदन पर झूलते हुए चूचों ने मेरे लौड़ा में आग लगा दी।

भाभी ने पीछे से चिपककर मेरे नेकर में हाथ डालकर लौड़ा पकड़ लिया और सुबह के कुमुनाते लौड़ा को सहलाते हुए कान में बोलीं- इसकी चूत खुजला रही है, आज मौका अच्छा है बजा देना डरना नहीं।

थोड़ी देर भाभी पीछे से मुझे पकड़ कर मेरा लौड़ा सहलाती रहीं और मैं सोनम का नग्न स्नान देखता रहा।

स्नान देखने के बाद मैं मुड़कर भाभी के होंटों को चूसने लगा इस बीच सोनम बाहर आ गई।

भाभी मेरे होंट चूस रही थीं, सोनम तौलिया लपेट कर बाहर आई और अंगड़ाई लेते हुए बोली- विकास जी, नहा आओ, इस रंडी को एग्जाम दिलवाना जरूरी है, इसकी सास को पता चल गया कि एग्जाम की जगह यह देवर का रस चूस रही थी तो तलाक दिलवा देगी इसे।
भाभी मुझे हटाते हुई बोली- यह कुतिया कह तो ठीक रही है विकास, तुम जल्दी से तैयार हो। मैं भी कपड़े पहन लेती हूँ।

मैं नहा कर दस मिनट में तैयार हो गया।
भाभी ने साड़ी ब्लाउज पहन रखा था और सोनम जीन्स और टी शर्ट पहने थी।
नाश्ता करके निकले, सोनम ने कार ड्राइव की, कार में सोनम को कोहनी मारते हुए भाभी ने कहा- अब घर जाकर ऑपरेशन चूत की कमांडर बन जाना।

हम लोग भाभी को सेंटर तक छोड़ सीधे वापस घर आ गए।

घड़ी गयारह बजा रही थी।
सोनम ने घर आकर मुझे चाय बना कर दी और चाय की चुस्कियाँ लेते हुए में उसकी टी शर्ट में कसे संतरे चोर नज़रों से घूरते हुए देखने लगा।

मुझे अपने स्तनों में झांकते हुए देख कर मुस्कराते हुए बोली- ऐसे क्या देख रहे हो? अच्छी तरह से देख लो।

मैं कुछ बोलता, इससे पहले ही सोनम ने अपनी टी शर्ट उतार दी, उसके दोनों कसे हुए छोटे छोटे संतरे बाहर आ गए। मेरी आँखें तो अटक कर रह गईं।

सोनम होंट काटते हुए चूचियाँ हाथों से दबाकर बोली- भाभी से छोटे हैं लेकिन रसीले ज्यादा हैं चूस के देख लो।

सोनम के कसे चूचे देखकर मुझसे रहा नहीं गया, मैं आगे बढ़कर अपने होंटों में उसकी निप्पल भरकर चूचे दोनों हाथों से दबाने लगा।
सोनम मुझे चिपकाते हुए बोली- काली हूँ लेकिन माल मेरा इस रंडी सविता से दस गुना अच्छा है, एक बार चख लिया तो भाभी को भूल जाओगे। संतरे मुँह में लो न।

पूरी चूची मैंने मुँह में भर ली और उसे दांतों से काटते हुए चूसने लगा।

गर्म होने के बाद सोनम बोली- अन्दर चलो ना, मेरी चूत भी भाभी की तरह चोदो ना… बड़ा मन कर रहा है।

थोड़ी देर में हम लोग बिस्तर पर आ गए और हमारे कपड़े उतर गए थे।

मेरा 7 इंची लौड़ा पूरा तन गया था। मेरा लौड़ा अपने हाथों में भरते हुए सोनम ने उसके टोपे पर एक पप्पी ली और बोली- आह, कितना सुन्दर लौड़ा है, उह… इसे मेरी पूसी में डालो न।

उसके चूचे दबाते हुए मैंने उसे अपने नीचे लेटा लिया और उसे दबाते हुए उसके चूत के मुख पर लौड़ा रख दिया।

भाभी ने मुझे चोदना सिखा दिया था, थोड़े प्रयास से ही लौड़ा का मुँह चूत में घुस गया, सोनम की चूत बहुत ज्यादा कसी हुई थी, मुझे लौड़ा पेलने में दम लगाना पड़ रहा था।

सोनम को दर्द हो रहा था, वो चिल्ला रही थी- उह आई ऊओह… धीरे से… आह फट गई!

उसकी आँखों से आँसू भी टपक गए थे।

आखिर लौड़ा अन्दर घुस गया और मैंने उसको उसको चोदना शुरू कर दिया।

भाभी की खुली चूत से सोनम की टाइट चूत चोदने का एक अलग ही मज़ा था।

3-4 धक्कों के बाद सोनम चुदाई के मज़े लेने लगी, मुझसे चिपकाते हुए आहें भर रही थी।
वो गरर्म आहें भरते हुए चिल्ला रही थी- आह… बड़ा मज़ा आ रहा है… और पेलो… फाड़ दो… बड़ा अच्छा लग रहा है।

चुदाई का मज़ा बढ़ता जा रहा था, चरम सीमा पर पहुँच कर हम साथ साथ झड़े।
इसके बाद सोनम ने मेरे गालों पर पप्पियों की बारिश कर दी और मुझसे चिपक गई, मैं भी उससे चिपक गया।

मुझे सोनम को चोद कर आनन्द की अनुभूति हुई। मुझे उसके भाव से लगा वो एक खेली खाई लड़की नहीं है।

जब हम लोग हटे तब उसकी आँखों में हल्के से प्रेम भाव के आँसू थे।
वो मेरी गोद लेट गई, उसने मेरे हाथ अपनी चूचियों पर रख लिए और मेरी आँखों में आँखें डालते हुए बोली- थोड़ी देर ऐसे ही बैठो न। दोपहर के दो बज़ चुके थे।

थोड़ी देर बाद मैं सोनम से बोला- मन नहीं भरा… तुम सही कह रही थीं तुम्हारा माल तो भाभी से 20 ही है। मेरा तो और मन कर रहा है।

उसने प्यार से मुझे एक पप्पी देकर कहा- अब खाने के बाद दूसरा राउंड खेलेंगे, भूखे पेट तो भजन भी नहीं होते हैं।

उसने अपनी अलमारी दिखाते हुए मेरी पसंद की पारदर्शी मैक्सी पहनी और बाहर निकल कर खाना बनाने लगी।

उसने मेरी पसंद की मैक्सी पहन रखी थी पीछे से उसके चूतड़ और जांघें पूरी चमक रही थीं, गाण्ड का द्वार पूरा दिख रहा था, आगे से स्तन पूरे नंगे दिख रहे थे।

ये सब देखकर मेरा मन चोदने को कर रहा था।
मैं पास खड़ा होकर सोनम के चूतड़ सहलाने लगा और उससे बातें करने लगा।

बातें करते हुए मुझे पता चला कि सोनम की शादी एक साल पहले हुई थी और उसका पति राकेश से केस चल रहा है, दोनों का तलाक होने वाला है। वो अपने पति के साथ 15 दिन ही रही थी कि उसे पता चला कि उसके पति की दूसरी पत्नी और एक बच्चा गाँव में है, उनका बाल विवाह हुआ था, पत्नी अनपढ़ थी इसलिए उसने उसे छोड़ दिया था साथ ही साथ वो आवारा औरतों के शौकीन भी था। बहुत चोदू था, 9 इंची लम्बा लौड़ा था, पहली रात ही लड़की से औरत बना दिया और पांच सात दिन में ही कई आसनों में लेटा बैठा कर उसकी चूत और गाण्ड चोद चोद कर दुखा डाली थी।

सोनम बोली- मैं अपने पति के साथ सिर्फ 15 दिन रही थी। चुदने के बाद चूत की आग बढ़ जाती है, एक साल से दबा कर रखी हुई थी। सविता मेरी पक्की सहेली है, जब भी सविता से बात होती थी मैं उससे कहती थी कि मेरी चूत में बहूत चुल्ल उठ रही है और चुदने का बड़ा मन कर रहा है। सविता के साथ जब तुम्हारी मस्ती देखी तो मैंने सोच लिया तुम्हारे से चुदवा कर सेक्स का मज़ा लूंगी।
कल तुम्हारी और सविता की मस्ती रात भर की-होल से देखती रही। आज तुम्हें अकेला देखकर अपनी प्यास पर कण्ट्रोल नहीं रख पाई। सच मुझे चुदने में बड़ा मज़ा आया।

उसने मुझे पप्पी देकर कहा- तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो !

उसकी आँखों से आँसू आ रहे थे, वो बोली- मुझसे मिलने आते रहना, मैं और मम्मी अकेली रहती हैं।

थोड़ी देर में खाना तैयार हो गया, हम लोग खान खाकर फिर एक बार बिस्तर पर आ गए।

मैंने अपने कपड़े उतार दिए, अब में सिर्फ एक चड्डी में था।

सोनम मुझे एकटक देख रही थी, मैंने सोनम की मैक्सी की डोर खोल दी और उसे अपनी गोद में बैठा लिया, उसके दोनों चूचे अपने हाथों से दबाने लगा।

सोनम ने अपने होंट मेरे होंटों में डाल दिए, बहुत देर तक मैं उसके स्तन और जांघें मलते हुए होंट चूसता रहा।

मेरा लौड़ा उसकी गाण्ड की दरार पर झटके खा रहा था।

सोनम बिस्तर पर फिसल गई और चड्डी में हाथ डालकर लौड़ा पकड़ते हुए बोली- अब इस कुत्ते को मेरी चूत में डालो ना!

उसकी आँखों में काम ज्वाला भड़क रही थी।

मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया और उसकी मैक्सी भी अलग कर दी, बिस्तर पर लेटा कर उसकी चूत के छेद में अपनी दो उँगलियाँ घुसा दी और चूत की मालिश करने लगा।

मेरा लौड़ा मसलते हुए वो आहें भरने लगी।

कुछ देर बाद मैंने उसे अपने से चिपका लिया और लौड़ा उसकी सुरंग में घुसा दिया, वो अपनी गाण्ड हिला हिला कर चुदने लगी।

बहुत आनन्दमय पल थे।

चुदाई का दौर कब ख़त्म हो गया, पता ही नहीं चला, उसके बाद हम एक दूसरे से चिपक गए।

बातें करते हुए सोनम ने कहा- सविता बता रही थी कि तुम ड्राइंग बहुत अच्छा करते हो, हर ख़ुशी के मौके पर तुम अपनी मम्मी पापा को गुलाब के फूल का ग्रीटिंग बना कर कर देते हो। मुझे गुलाब के फूल की ड्राइंग बना कर दिखाओ ना!

मैंने उसे गुलाब का फूल बना दिया, उसने मुझसे उस पर आई लव यू लिखवा लिया और पास में रख दिया।

20-25 मिनट बाद जब मेरा लौड़ा दोबारा सुलगने लगा तो सोनम मेरी निप्पल पर काटते हुए बोली- एक बार पीछे से मेरी चूत में डालो ना, पीछे से ठुकने में मुझे बड़ा मज़ा आता है ! राकेश ने मेरी चूत कई बार पीछे से ठोंकी है।

सोनम मेंढक बन कर लेट गई, उसकी चूत पीछे से साफ़ दिख रही थी।

मैंने उंगली घुसा के जगह का मुआयना किया और अपने लौड़े का सुपारा उसकी चूत के मुँह पर रख दिया।

मुझसे लौड़ा अन्दर नहीं घुस रहा था, सोनम ने पूरा साथ दिया, तब लौड़ा बड़ी मुश्किल से अन्दर घुसा।

लौड़ा पेलने के बाद मैंने झुककर उसकी दोनों गुल्लियाँ पकड़ लीं और कसी हुई चूत में दम लगा कर पेलने लगा।

सोनम बेपरवाह होकर जोर जोर से आह उह आ आ हाँ करके मज़ा लेने लगी।
उसकी आहें उह उह उह आह की आवाज़ पूरे घर में गूंजने लगीं।

हम दोनों निडर होकर चुदाई का पूरा मज़ा ले रहे थे।

सोनम को चोदने के बाद मैं निढाल होकर लेट गया। हम दोनों एक दूसरे की बाहों में सिमट गए और सो गए।

सोकर जब हम लोग उठे तब 5 बज़ रहे थे भाभी को लाने का समय हो गया था। हम दोनों भाभी को लेने चले गए।

सविता भाभी - 1

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कामवाली बाई का प्यार

में एक प्राईवेट कंपनी में काम करता हूँ तो में आज से चार साल पहले कंपनी के कुछ काम से अमृतसर गया था। फिर मैंने वहीं पर किराए पर एक कमरा लिया और आराम से रहने लगा। फिर कुछ दिन बाद बिना अपनी बीवी के मुझे वहां कुछ अजीब सा लगने लगा क्योंकि यहाँ पर तो में हर रोज उसके साथ सेक्स करता था। बस यही मेरी बैचेनी का कारण था। फिर हर रोज अब मेरे लंड को एक चूत की तलाश थी। आख़िर वो तलाश भी खत्म हुई जब मुझे एक सफाई करने वाली मिली। फिर मैंने उसे सारे घर का काम बता दिया और पैसे भी बता दिए। वो सफाई वाली 30 साल की मस्त माल और एकदम सेक्सी थी। फिर उसे जैसे ही में हर रोज सुबह देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता। फिर 2-3 दिन के बाद मैंने देखा वो मुझे ज़्यादा ही भाव देने लगी और फिर मेरी किस्मत भी साथ देने लगी।

अब में उसके साथ खुलकर बात करने लगा। फिर जब भी वो वहाँ रहती मेरा लंड खड़ा रहता और वो भी अपनी तिरछी नज़र से ये जान चुकी थी की अब मुझे अब क्या चाहिए। इसलिए एक दिन सन्डे को उसने खुद ही पूछ लिया कि बाबूजी आपके कपड़े धोने है क्या? तभी मैंने तुरंत हाँ कर दी.. अब वो सब कपड़े लेकर बाथरूम में चली गयी। फिर आज उसने एक मस्त पंजाबी टाईप का सूट पहना था। तभी उसने अपनी चुन्नी उतार दी ताकि गीली ना हो सके। फिर आज पहली बार मुझे उसकी चूचियां साफ साफ नज़र आ रही थी.. वो 38 साईज़ की थी। फिर मेरा अब लंड मेरे काबू में नहीं था। फिर बहुत कोशिश करने के बाद भी कंट्रोल नहीं हो रहा था।

तभी मुझे लगने लगा था कि मेरी पेंट फट जाएगी उसने भी मेरी हालत का अंदाज़ा लगा लिया था और मुझे अब वो एक अलग नज़र से देख रही थी। फिर जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने उसे कहा कि मुझे बाथरूम काम में लेना है। फिर वो बाहर आ गयी और में अंदर जाकर मुठ मारने लगा। फिर कुछ देर बाद जब में बाहर आया। तभी वो अंदर गयी और तुरंत बाहर आ गयी और बोलने लगी कि जब लंड खड़ा हो और चूत सामने है तो हाथ को क्यों तकलीफ़ दी। तभी यह बात सुनकर में तो समझो बेहोश ही हो गया। तभी मैंने कहा कि तुम्हे क्या पता कि मैंने मुठ मारी है? फिर उसने कहा कि वो हर रोज मेरे लंड को देखती है। अब तो मानो मुझे जन्नत मिल गयी। फिर मैंने तुरंत आगे बढ़कर उसे अपनी बाँहों में ले लिया और उसके होंठो को चूम लिया। तभी उसने कहा कि थोड़ा तो सब्र करो में कहीं भागी थोड़े ही जा रही हूँ।

फिर मैंने उसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसका आदमी शराब पीता और उसे रोज़ मारता भी है इसलिए वो भी लंड की प्यासी है। अब तो मुझे भी एक ज़रूरतमंद मिल गई थी। फिर मैंने कहा कि तो आओ बेडरूम चलते है और फिर वो चल पड़ी। फिर बेडरूम में जाते ही मैंने उसके पूरे कपड़े खोलकर उसे नंगा कर दिया। फिर उसे मैंने अपना लंड मुहं में लेने को कहा तभी उसने मेरा लंड मुहं में ले लिया और फिर उसने जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया। वो लंड को इस तरह से चूस रही थी जैसे कई बरसों से लंड की प्यासी हो। फिर मैंने उसे घोड़ी बनाकर 15 मिनट तक चोदा था। फिर वो और में एक साथ झड़ गये। उसने कहा कि अब मुझे कपड़े धोने है मैंने कहा कि ठीक है लेकिन उसके बाद एक बार और चुदाई करेंगे।

फिर आधे घंटे बाद जब कपड़े धुल गये तो उसने कहा कि वो अब नहाने जा रही है मैंने कहा कि ठीक है लेकिन क्यों ना हम दोनों साथ में नहाए। तभी उसने कहा कि उसे शर्म आ रही है। फिर मैंने कहा कि जब तुझे चोद लिया है तो अब कैसी शर्म और फिर वो मान गयी। फिर में भी बाथरूम में उसके साथ नहाने चला गया और फिर मेरे हाथ उसकी चुचियों को छेड़ने लगा और उसकी चूत पर हाथ चलाने लगा और हम दोनों फिर गर्म हो गये। इस बार मैंने कहा कि मुझे आज तुम्हारी गांड भी मारनी है और तभी वो बिल्कुल मना करने लगी.. लेकिन मुझे तो मारनी थी।

फिर मैंने उसे भरोसा दिलाया बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा। खैर बहुत देर बाद वो मान गयी और फिर मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसे अपने दोनों चूतड़ो को अपने दोनों हाथों से खोलने के लिए बोला। तभी उसने अपने दोनों हाथों से अपने चूतड़ खोल दिए। तभी मैंने तुरंत उसकी गांड के छेद को चूम लिया.. तभी उसकी एक सिसकारी बाहर निकल गयी। फिर मैंने उसके छेद पर और अपने लंड पर ढेर सारी वेसलीन लगा दी और दो उंगली से उसकी गांड के छेद को चौड़ा कर दिया। तभी मैंने जैसे ही अपने लंड का सुपाड़ा उसके छेद पर रखा वो बोली धीरे डालना मैंने कहा कि तुम चिंता मत करो और फिर ज्यादा चिकनाई होने की वजह से मेरा 3 इंच मोटा सुपाड़ा उसके अंदर चला गया और उसकी चीख निकल गयी लेकिन मैंने उसके दोनों बूब्स को पकड़ा था। तभी में थोड़ा रुक गया और फिर दो मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ तो थोड़ा और घुसा दिया.. इसी तरह मैंने अपना लंड उसकी गांड के अंदर पूरा फिट कर दिया। फिर जब पूरा अंदर जा चुका था तो मैंने उससे पूछा कि अब भी दर्द है क्या? तभी उसने कहा कि थोड़ा-थोड़ा।

फिर में अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बहार करके उसे चोदे जा रहा था। फिर कुछ देर बाद में उसकी गांड में ही झड़ गया था और फिर कुछ देर बाद वो भी झड़ चुकी थी और वो बिलकुल शांत हो गई। तभी वो उठी और अपनी गांड को हाथ लगाकर देखने लगी और फिर मेरे लंड पर लगा हुआ वीर्य और लंड को साफ करने के साथ साथ लंड को सहलाने भी लगी थी। तभी उसकी चिकनी चूत को देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था और तभी उसने लंड को सहलाना शुरू किया और लंड को मुहं में लेकर जोर जोर से चूसने लगी। तभी उसके दस मिनट लंड को चूसने के बाद मैंने फिर से उसे पकड़ कर चूत को सहलाना शुरू कर दिया था।

फिर उसको सीधा करके मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया और एक जोरदार धक्का दिया और वो दर्द से बहुत जोर से चीख रही थी, उनके दर्द के साथ साथ मेरे लंड को भी बहुत दर्द था। लेकिन अब मुझे पूरा अहसास हो रहा था कि उसे फिर से बहुत दर्द हो रहा है।

फिर तभी मैंने अपने लंड को और ज़ोर लगाकर दबाया और फिर से उसके मुहं से चीख निकल गई। तभी में उसे किस करने लगा और उसके बूब्स को मसलने लगा था और वो चुपचाप पड़ी रही और में उसके बूब्स को मसलता रहा और थोड़ी देर बाद वो मुझे थोड़ी सामान्य लगी। फिर में धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगा और उसे अभी भी थोड़ा सा दर्द हो रहा था। फिर थोड़ी देर बाद मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाकर अपने पूरे लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया और फिर उसने दर्द से अपनी आँखे बंद कर ली और फिर में उसे किस करता रहा और फिर थोड़ी देर के बाद वो बोली कि आज तुमने मुझे चोद कर पूरी चुदाई का सुख दिया है। में तुम्हे अब जिंदगी भर कभी भी चुदाई के लिये मना नहीं करूंगी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
तभी मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उसे ज़ोर से अपनी बाहों में पकड़ कर किस करने लगा और फिर में अब उसे पूरे जोश से चोद रहा था और वो भी मुझे किस कर रही थी। तभी उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था। फिर वो मज़े मे बोल रही थी ओह चोदो मुझे चोदो आज फाड़ दो मेरी चूत में तुम्हारी हूँ और फिर वो मुझे जोर से पकड़ कर मुझसे चिपक गई और तभी मैंने भी अपनी स्पीड बड़ा दी और में उसे तेज तेज धक्को से चोदने लगा। तभी वो उसी समय झड़ गई।

फिर कुछ देर बाद में उससे बोला कि मेरा वीर्य निकलने वाला है कहाँ पर डालूं? तभी वो बोली कि डाल दो कहीं भी। तभी मैंने भी अपना वीर्य तेज और गहरे धक्को के साथ उसकी चूत में ही डाल दिया। फिर में उसे किस करने लगा और वो भी मुझे किस कर रही थी। फिर कुछ देर बाद उसने उठकर लंड को मुहं में लिया और चूसने लगी। तभी उसके लंड को चूसने से मुझे बहुत आराम मिल रहा था और वो जोर जोर से चूसे जा रही थी।

फिर उसने लंड को चूस चूसकर दोबारा चोदने को तैयार कर दिया था। तभी उसने मुहं से ही धीरे धीरे धक्के दिये। वो लंड चुसाई का मजा ले रही थी। फिर मैंने लंड को उसके मुहं में पूरा डाल दिया और में उसका मुहं चोदे जा रहा था। फिर करीब दस मिनट बाद दो चार धक्को के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया और वो लंड से निकले हुए वीर्य को पूरा चाट गई। फिर उसने लंड को चाटकर पूरा साफ कर दिया था।

फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों उठे और कपड़े पहनने लगे। तभी उसने कहा कि आज तुमने मेरी पूरी भूख शांत कर दी वरना मेरा पति तो किसी भी काम का नहीं है.. बस वो तो पूरे दिन भर शराब पीकर पड़ा रहता है। फिर उस दिन के बाद मैंने उसको कई बार चोदा और वो भी हर बार चुदाई का मजा लेती। जब भी वो सुबह आती तो सबसे पहले मेरा लंड ठंडा करती और फिर उसके बाद घर का काम करती। में हमेशा मौके की ही तलाश में रहता था कि कब हमे मौका मिले और हम चुदाई करें। मैंने उसे पति की कमी कभी भी महसूस नहीं होने दी और उसने मुझे अपनी पत्नी की। में अब उसे चुदाई में पूरी तरह पक्का कर चुका था। हम दोनों अब हर दिन एक नये तरीके से चुदाई करते थे। फिर धीरे धीरे मैंने उसके पैसे भी बड़ा दिये थे क्योंकि वो अब घर के काम के साथ साथ मेरे साथ चुदाई का काम भी तो करती थी। तो दोस्तों यह थी मेरी कामवाली बाई की कहानी ।।

विधि भाभी की चुदाई

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कामिनी की चुदाई

एक वाक्या आपको बताने जा रहा हूँ. ये उन दिनों की बात है जब मैं अफ्रिका मे मेरे अंकल के साथ रहता था। एक दिन अंकल ने मुझे कहा: " विकास तेरी बहन की शादी तय हो गयी है पापा की चिट्टी आई है और तुझे इंडिया
बुलाया है..”

बहन की शादी की बात सुन के मैं खुश हो गया. अंकल फ्लाइट की इंक्वाइरी की तो पता चला सब फ्लाइट फुल है। फिर समुन्द्र के रास्ते जाने का डिसाइड हुआ. और टिकिट बुक करवा दी। मैं पॅकिंग करके तैयार हो गया.
दूसरे दिन मैं क्र्यूज़ पर पहुच गया सब यात्री आ रहे थे. मैने एक बंगाली बाबू को देखा वो सीधा मेरी तरफ आए. और कहा: "हेलो, इंडियन जान पड़ते हो.., मैं घोस और ये मेरी पत्नी कामिनी”

उसके बाजू मैं खड़ी एक कामुक सेक्सी जवान औरत ने मुझे नमस्ते किया। मैने भी नमस्ते कहते हुए मिस्टर घोस को कहा ”हा मैं भी इंडियन हूँ और इंडिया जा रहा हूँ.”

बोले “अच्छा तो ठीक है कामिनी का ख्याल रखना…” और मुस्कुराए.

साइरन बजा तो चल दिए। मै और कामिनी वही डेक पर खड़े थे. मै कामिनी को देख रहा था। वो कुछ 35-36 साल की होगी गोरा रंग फिगर उसका शिल्पा शेट्टी जैसा था पर उतनी लंबी नही थी. बस 36-26-36 का होगा.

कामिनी मेरी और बाल ठीक करते हुए मुस्कुरई और बोली: "आप कहा जा रहे है कोलकाता ?”

मैने कहा “नही मैं कंडला जाऊंगा.. फिर वहा से बाइ रोड आबाद..”

फिर हम अपने रूम की और चले उसका रूम मेरे रूम से 3 रूम छोड़कर था।

मैने अपने रूम का लॉक खोलते हुए कहा: "आइए चाय पीते है और नास्ता करते है."

वो बोली “मैं समान रख कर आती हूँ…”

मैं अपने रूम मैं चला गया फिर 2 चाय का और स्नॅक्स का ऑर्डर रूम सर्विस को देकर बाथरूम मे चला गया. बातरूम मे चेंज कर रहा था और आईने मे देख कर बोल रहा था: "वाह भगवान क्या किस्मत दी है समुन्द्र की सीतल ल़ाहरो का सफर दिया.. और इतना हसीन सेक्सी हुस्न दिया किस्मत मे.. जिसका पति खुद आकर मुझे देकर गया.. वाह कामिनी आप इतनी सेक्सी वा……..” ऐसा बोलते हुए मे चेंज करके बाहर आया देखा कामिनी सामने बेड पर बेठी थी. मे सकपका रह गया।

मैने उसकी और देखा वो मेरी और देख रही थी थोड़ी देर बाद वो हंसने लगी और बोली: "अरे तुम तो ऐसे घबरा रहे जैसे कोई पाप करके आए हो… अपनी किस्मत का धन्यवाद करना अच्छी  बात है…”

मैं समज गया उसने सब सुन लिया है मैं चुप चाप अपने समान को अरेंज करने लगा। वो मुझे देख रही थी फिर बोली: "लाओ मैं अरेंज कर देती हूँ"… और वो सब कबोर्ड मे लगाने लगी.

उस समय मेरी नज़र उसकी कमर पर थी उसमे जो बाल पड़ रहे थे वो देख मेरा लंड खड़ा हो गया था। फिर एक बार बेड पर रखे मेरे कपड़े लेते उसका पल्लू खिसक के नीचे गिर गया मैं उसके ब्लाउस मे से बाहर झांक रहे बोब्स  को देख रहा था. उसने मेरी ओर देखा और बोली: "हॅट बेशर्म कहीं के.., सब मर्द एक जैसे ही होते है..”

मैने कहा: "अगर औरत को देख कर भगवान या योगी भी फिसल सकते है हम मर्द है.. “

तब तक चाय और नास्ता आ गया हमने नास्ता किया फिर टीवी देखने लगे ऐसे ही एक दिन निकल गया। रात मे सोते सोते मैं कामिनी को चोदने का सोच रहा था. पर डर भी लग रहा था. दूसरे दिन शाम को हम ऐसे ही खड़े थे हम ने देखा एक इंग्लीश कपल किस कर रहे थे हम दोनो लगातार उसको देखे जा रहे थे मैने कामिनी की और देखा वो शरमा कर मुस्कुराई ओर नीचे नज़र कर दी।

मैने मन मे सोच लिया आज कामिनी को किस करने की ट्राइ तो करूँगा मानी तो ठीक है. वरना फिर अपना हाथ जगन्नाथ। ऐसा सोच कर यहा वहा की बाते करते हम वहा से निकल गये रात को खाना खाने के बाद मैने कामिनी को कहा: "चलो डेक पर चलते है.. थोड़ी ठंडी हवा मे घुमकर आते है".

डेक पर अंधेरा था इसलिए मैं उसे डेक पर ले गया। वहा जाकर खड़े रह कर एक दूसरे को देख रहे थे. मेने कामिनी की कमर मे हाथ डालकर अपनी और खींचा और अपने होंठ उसके नज़दीक ले गया उसने भी मेरे कंधे पर हाथ रख कर अपने होंठ मेरे होंठो के साथ सटा दिए और मैं जैसे जंग जीत गया हूँ ऐसे उसे अपनी बाहों मे दबोच कर किस करने लगा।  10 मिनट के बाद हम ना चाहते हुए भी अलग हुए.

मैने कामिनी को धन्यवाद कहा वो बोली: "विकास मैं तो कब से तैयार थी लेकिन पहल तो नही कर शक्ति थी…”

मैने उसके गाल पर किस किया. वो बोली: "मैने जब तुम्हे देखा तब से सोच लिया था की मैं अपना सब कुछ तुम पर लूटा दूँगी. इन 7 दीनो मे…”

मैने उसका हाथ पकड़ कर सीधा रूम मे गये वहा जाकर मैने दरवाजा बंद किया और सीधा उसको पकड़ कर किस करने लगा वो भी काबू खो चुकी थी।

मैने उसकी साड़ी खींच डाली उसकी पीठ से सट कर उसके बोब्स  को ब्लाउस के उपर से ही दबाने लगा और उसके होंठ चूस रहा था. मेरा लंड टाइट होकर उसकी गांड से मस्ती कर रहा था. मैने अपने हाथ उसके ब्लाउस मे डाल दिए और उसके बोब्स दबाने लगा उसने अपने होंठ मेरे होंठो से हटा कर कहा: "विकास आज ऐसा लग रहा है की आज मेरी सुहागरात है आज मुझे चोदो तुम अपनी बीवी समज कर..”

मैने उसका ब्लाउस निकाल दिया।  पेटीकोट उसने ही निकाल कर मेरे कपड़े निकालने लगी मुझे नंगा करके मेरे लंड को सहलाते नीचे बेठ कर और धीरे से मेरा लंड पूरा अपने मूह मे ले लिया अंदर बाहर करने लगी।

मैं बेकाबू हो रहा था इतनी सेक्सी औरत चोदने मिली थी आज कैसे काबू रहता. मैने उसे उठाया बेड पर डालते हुए उसके उपर चढ़ गया उसे चूमने लगा वो बोल रही थी: "विकास करो अब डाल  दो मेरी चूत मे अपना लंड मैं प्यासी हूँ मेरी प्यास बुजा दो विकास…”

मैने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और धक्का दिया. मूह से उउई माँ करते हुए चीख निकल पड़ी लंड अंदर नही गया उसकी चूत टाइट थी मैं पूरा ज़ोर लगा कर धक्का दिया तो भी आधा ही लंड अंदर गया. उसकी आँखों मे आँसू आ गये थे मैं देख रहा था वो बोली: "विकास मेरी चिंता मत करो चोदो मुझे मेरे दर्द पर ध्यान मत दो बस बहरे हो जाओ और चोदो मुझे मेरी इस भूख के सामने ये दर्द कुछ भी नही बस चोदो मुझे..”

मैने ऐसा ही किया उसका दर्द नज़र अंदाज करके उसे चोदने मे जुट गया और लगातार धक्के देने लगा अब उसे भी मज़ा आ रहा था वो मुह से सिसकारियाँ निकाल रही थी और बोल रही थी: "और ज़ोर से विकास मुझे चोदो और जोर से चोदो फाड़ डालो मेरी चूत..” ।

मैं लगातार 25 मिनिट तक चोदता गया उस दौरान वो 3 बार झड़ चुकी थी. अब मै भी झड़ने वाला था मैने उसे पूछा: "कामिनी बाहर निकालूं की अंदर"

उसने कहा: "डाल दो अंदर"

मैने उसकी चूत मे पूरा मेरा वीर्य डाल दिया। हम थोड़े शांत हुए. मैं उसके बाजू मे लेट गया वो खड़ी हुई बाल ठीक करते मेरी और देखा और फ्लाइयिंग किस दिया और बोली: "I love you जान..”

और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी। फिर से मूह मे लेकर चूसने लगी मेरा लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया मैं बेठ गया बेड पर और उसकी नाभि पर अपनी जीभ घूमाते हुए चाटने लगा उसे खींच कर अपनी गोद मे बिठा लिया उसकी चूत मे फिर से लंड डाल दिया अब वो उछल कर मेरा लंड अंदर बाहर करने लगी मैं उसके बोब्स दबाता चूसता गया।

फिर से उसकी कामुक आवाज़ से मेरा कमरा गूँज उठा: "आहह.. विकास उउउहा.. विकास विकास चोदो  मुझे और चोदो"

ऐसे ही फिर से 30-35 मीं. तक हम चोदते रहे. फिर मैने कहा: "कामिनी क्या मैं तुम्हारी गांड मार सकता हूँ"

तो उसने मेरा लंड चूत से निकाल कर अपनी गांड के होल पर रख कर उस पर बेठने लगी दर्द हुआ उसे: "आमम्म्ममाआ मर गयी…"

फिर भी पूरा लंड अंदर ले लिया और चिल्लाते हुए गांड मरवाने लगी। मैने उसे कुत्तिया बनकर भी उसकी गांड मारी पूरी रात मेरे कमरे मे कामिनी की चुदाई चली। 4.00 बजे हम लोग सोए सुबह जब मे उठा घड़ी देखी तो 9.15 हो रही थी बेड पर कामिनी नही थी।

बाथरूम से शावर की आवाज़ आ रही थी मैं बाथरूम मे गया बाथरूम मे जाकर पीछे से उसे पकड़ लिया वो भी खुश होकर मेरी और घूम गयी बाथरूम मे भी उसे चोदा. लगातार 7 दिन ऐसे ही बीते इंडिया आकर वो भी मेरे साथ उतर गयी। मेरे घर आबाद आई मेरी बहन की शादी अटेंड की उस दौरान मैने उसे होटल मे ले जाकर भी चोदा।

धन्यवाद । ।

दोस्त की बीवी की चुदाई

इस हिस्से के सभी प्यारे दोस्तो एवं सहेलियों को मेरा प्यार भरा नमस्कार में अपने अनुभव के साथ आ गया हूँ. बात अभी दो दिन पहले की ही है. मुझे चोदने की बुरी आदत हो गई है. जब तक एक बार चुदाई ना कर लू नींद ही नही आती. मेरी वाइफ भी एक दम ठंडी पड़ी रहती है. उसे उकसाने के बाद बड़ी मुश्किल से वो करने देती है.

दोस्तो आप लोग मेरी समस्या समझ रहे होगे. कितनी विकट समस्या और ऊपर से चुदाई का आलम एक तो मदहोशी का आलम उपर से लंड ने गदर ढाई है. यारो मत पूछो मेरी तबीयत की चुदाई की कितनी याद आई है. फनफनाते लंड को कैसे दबाता हूँ. मैंने यारो कई बार हाथो से ही रग़ड कर उसकी जान निकाली है.

जब जिसकी ज़रूरत हो और खुदा से जिसे दिल से माँगो तो वो मिल ही जाती है. ठीक यही हुआ मेरे साथ, मेरे साथ के मेरे घनिष्ट मित्र अपने परिवार के साथ अचानक आ गए. उन्हे अपनी पत्नी को लखनऊ ले के जाना था.
उनके बच्चे की तबीयत खराब हुई तो बीच रास्ते मे ही उन्होने निश्चय किया. की ओम मल्होत्रा के घर चलते है. वैसे भी राकेश को मेरे यहां आने मे दिक्कत नही होती है. ड्रिंक करने का शोकीन है शाम 8:00 बजे से ही बोतल की ढक्कन खुल जाती है.

लेकिन बुराई ये है 3-4 पेग के बाद उससे सम्भलती नही बेहोश हो जाता है. यही हुआ अभी, उसे सम्भालना पड़ा समय ज़्यादा हो गया था. मैंने अपनी वाइफ को बोला बच्चो के साथ तुम सो जाओ. वो मेरे और राकेश के बच्चो को ले कर सोने चली गई.

ईधर मै और राकेश की वाइफ राकेश को सम्भालते हुए आपस मे बाते करने लगे: "ये राक्षस भी जब साले को हजम नही होती तो इतनी क्यो पी लेता है.

तों वो बोली: "इनका तो रोज का यही हाल है. बच्चे को सम्भालू या इन्हे".

"तब तो बड़ी दिक्कत होती होगी ना."

"हाँ कई दिन गुजर जाते है, रात मे इनसे बात किए हुए".

"तब तो रात के काम भी नही हो पाते होगे" मैने घुमा कर कहा.

"हाँ" (आहे भरते हुए उसने कहा)

"तब तो आप प्यासी रह जाती होगी, अगर आप कहे तो मै आप की मदद करू?" (बड़ी हिम्मत जुटा कर कहा था.)

उसकी मुस्कुराती आँखो से इशारा मिलते ही में उसके पास आ गया. और उसके होटो पर आकर किस जड़ दिया. आँखो मे खुला आमंत्रण था. मै जोश मे आ गया और उसके होटो को मूहँ मे भर कर चूसने लगा. और जोरो से चूसा उधर हाथो से बोब्स दबाए जा राहा था. दबाते-दबाते मै उसकी चूत की तरफ अपना हाथ ले गया और चूत मे उंगली डाली.

उसकी चूत गजब की गीली हुई पड़ी थी. और वो खुद मदहोश हुए जा रही थी. तवा एक दम गरम था. मै भी पूरे जोश मे बस मन कर रहा था लंड को निकाल कर जल्दी से चूत मे डाल दू.

होटो को जेसे ही छोड़ा वो सिस्काए मरने लगी: "जान………न्न्-ाीननन्……न्‍नन्न् ज…लल्ल्ल्ल…….दी से चो………दददददो चू…..तत्त……त्त्त्तत्त बेचैन है".

मैने जल्दी से उसके कपड़े उतार दिए और अपने भी उतार दिए मूहँ मे उसके बोब्स के निप्पल डाल कर चूसने लगा. बस खा जाने वाले अंदाज मे चूसे जा रहा था.

और वो सिसकारिया मारे जा रही थी: "आहह…… जान और ज़ोर से चूसो मज़ा आ गया जान ऐसा तो राकेश ने कभी भी नही किया"

मैने अपना लंड उसके हाथ मे दे दिया. हाथ मे मोटा लंड पकड़ते ही चीख निकल गई और बोली: "इतना मोटा लंड कैसे घुसेगा”

वो मस्त हुई जा रही थी. और मैरा सब्र बी ख़त्म हुऐ जा रहा था. मै उसके उपर आ गया. लंड को उसकी चूत से सटाया और धक्का देते ही पूरा सिर अंदर घुस गया.

वो चीखी मैने जल्दी से उसका मुहँ दबाया और बोला: "चिल्लओ मत सब जाग जाएंगे"

वो आहिस्ते से दर्द बयां करने लगी: "आआआ… जान मार दिया तूने!"

मै धीरे-धीरे लंड को अंदर करने लगा बस थोड़ी देर मे ही वो मस्ती की चाले भरने लगी: "मेरे राजा जमके चोदो तुम्हारा लंड तो बड़ा ही मस्त है. आज जम के चोदो."

"आआआअ जिओ मेरे रररररा…….आआआ………ज्ज्ज्ज्ज्जा…और चोदो आआआ हह आआआआ"

वो भी नीचे से गांड उछाल उछाल कर चुदा रही थी. वो मस्त हो कर चुदा रही थी. और मै धक्के लगाए जा रहा था.

"जान ये ल्ल्ल्ललो मेरे लन्न्न्न्नन्न…… न्ड्चुत   का प्प्प्प्पा………प्प्पा…न्न्न्नीन्न्न्नीन्नी…………ईईईईईईईईईईईई" ये कहते हुए मै उसकी चुत मे ही झड़ गया.

हम दोनो चिपक कर लेट गये. उसने मुझे कस कर चिपका लिया था बता रही थी आज बहुत दिनों बाद उसने चुदाई का आनंद लिया था. इतनी मस्ती उसे बस सुहागरात वाले दिन ही आई थी. उसके बाद वो कभी सन्तुष्ट नही हो पाई. अब तो वो खुल कर बाते किए जा रही थी….उसने फिर से लंड को पकड़ लिया था, मै बोला”क्या हुआ अभी मन नही भरा क्या”.

उसने कहा”नही और चुदाई करो ना”

अभी चोदे हुए 15 मिनट ही हुए थे उसका मन फिर से करने लगा मैने उसकी टॅंगो को चौड़ा किया और उसकी चूत चाटने लगा. वो बोली”ये क्या कर रहे हो"

ऐसा करते हुए मै समझ गया कि उसने आज तक चूत चटाई का मज़ा नही लिया है. मै ज़ोरों से उसकी चूत चाटने लगा. वो मादकता मे डूबने लगी “चूत वो बला है, जो अच्छों-अच्छों का मन डूला दे. बुड्डो को भी जवान बना दे, बुझे लंड मे भी जान डाल दे.”

यही हाल हुआ मेरे झडे हुए लंड का और फंफना के खड़ा हो गया. मै उसकी चूत को जोरो से चाट रहा था.

आआआआअहह………..आ……..न………ई………..ल मेरी ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जजा….. आआआआअ………….न्न्आआआननननन……….. ऐसे…क्यययायायाया ……………किईईईईई……ऐऐऐऐऐऐऐएऐ…………. ज़ाआाआआआआ ……..रहेऐऐऐऐऐऐऐ……………. होऊऊऊऊओ.

उसने मेरे बालो को कस के पकड़ लिया: "मज़्ज़्ज़्जाज़्ज़्ज़्जजाज़्जा……आआआआआआ ………….रहा है.
ववववाआआहाहाह"

उसकी इतनी मस्त चूत चटाई किसी ने नही की, मैने अपनी जीभ को जैसे ही उसकी चूत मे घुसाया तों वो चीख उठी: "आहा मार डाला"

मेरे बालो को ज़ोर से नोच लिया मेरी तो बारह यहीं बजा दी.

"चूसो राजा और ज़ोर से…… थक गये हो तो बताओ मै ऊपर आ कर चुदवा लू……. इस भोसडी को….. ओह अब मैं नहीहीईईईईईईईईईईईई………….रुक्कककककककक सकती हूँ."

"यह लो मै आ गई हूँ अब राजा तुम भी आ जाओ”

वो अपनी मस्ती मे बोले जा रही थी मै समझ गया था. अब इसकी चूत मे लंड डालना पड़ेगा लेकिन इस बार जल्दी नही थी. मै उसे लंड चूसाना चाह रहा था. इतना अंदाज़ा लग गया था. की जब राकेश ने कभी इसकी चूत नही चूसी तो साले ने लंड भी नही चूसाया होगा.

ये अभी मस्त हैं तो मस्ती मे पूरा लंड चूस लेगी मैने उससे लंड चूसने को बोला पहले तो कुन्मुनाई जब बताया: "अभी और मस्ती आएगी"

तो वो लंड चूसने को राज़ी हो गई: "तुम्हारा लंड बडा जानदार है……. बहुत आच्छा लग रहा हाईईईईईईईईईईईईईई….. हाईईईईईई और ज़ोर सीईई मेरे राज्ज्जज्जज्जा…… और ज़ोर…… ..सीईए…….मेरे मूहँ को ही चोदोगे क्या लंड हेहेहेहे……. ओह म्ह………हह"

वो गजब से चूसे जा रही थी. मै सोच रहा था. जो अभी मना कर रही थी और वो अब कितनी मस्त हो कर लंड को मूहँ मे लिए जा रही हैं.

मैने उसे 69 पोज़िशन मे लिटाया और चालू हो गया आज उसे लंड और चूत के सारे तरीके सीखा देना चाहता था. जिससे अगली बार और मस्ती मे चूदाई कर सकू कुछ बी बताना नही पडेगा. अब तो उसे चोदने का मन हो रहा था.

लंड को उसकी चूत से सटा कर ज्यो ही अंदर डाला वो चीख उठी: "ओह चोदो मेरे राजा…… क्या जानदार लोडा है……मेरी चूत को चोद-चोद कर निहाल कर दो…… मारो राजा मारो…….कस कस कर धक्के मारो…….चोद दो…..चो…..ओओओओ……..ददद……डालो…हाईईईईईईईई……..मैमैमैमै…….म….अअअ……रररर………. गइईईई”………. "

और वो भल भला कर झर गयी 1:30 घंटे चुदाई चली.

जो पाठक चूत का मजा ले रहे है वो समझ रहे होंगे दूसरे राउंड मे चुदाई का क्या मज़ा होता है.

धन्यवाद

मेरे पड़ोसी की पत्नी की चुदाई

यह कहानी कुछ 6 महीने पहले की है।  में रोज़ सुबह 8 बजे निकल जाता था और फिर शाम 4 बजे मैं आता था। मेरे पड़ोसी मिस्टर शर्मा रहते है। उनकी एक मस्त पत्नी है रुपाली… जो पास के एक स्कूल मैं टीचर है। वह सुबह 8:00 बजे स्कूल जाती है और 3:00 बजे घर आ जाती है। फिर दिन बर घर मैं अकेली रहती थी।

एक दिन मेरा छुट्टी वाला दिन था तो मैं आराम से सो रहा था वाइफ ने मुझे जगाया ओर बोला की डोर लॉक कर लो मैं बच्चों का साथ बाहर जा रही हूँ। मेने उठ कर डोर लॉक किया ओर फिर सो गया करीब 30 मिनट बाद फिर डोर बेल बजी। मैने डोर खोला और देखा तो रुपाली सामने खड़ी थी। मैं हेरान हो गया ओर सोच रहा था की यह आज मेरे घर पर कैसे?  वो मुझे बड़ी गोर से देख रही थी की तभी वो अचानक हंसने लगी ओर बोली: "घर मैं कपड़े नही है?"

क्या मैंने निचे देखा ओर भाग कर आपने रूम मैं गया ओर शर्ट ओर पेंट पहन कर आया तब तक वो हॉल मैं बेठ गयी थी।

मेने पूछा: "कहिये कैसे आना हुआ"

"कल हमारे स्कूल मैं पार्टी है मै उसी के टिकट बेच रही हूँ। 2 टिकेट बची थी सोचा आप को दे दू।"

"आपने बिल्कुल ठीक सोचा". मैने उनसे टिकट ले ली थोड़ी देर बातचीत हुई। फिर उससे मेरी अच्छी फ्रेंडशिप हो गयी थी।

हमारी मुलाकात के कुछ 18 दिन बाद वो मेरे कमरे मैं बैठी थी। मैं उसके साथ मस्ती कर रहा था। मस्ती मस्ती मैं मैने उसके चुचियो को दबाया। फिर वो उठ के चली गयी। फिर दूसरे दिन वो मेरे कमरे मे फिर से आई। लेकिन जब वो आने वाली थी उसके पहले मैने अपने कंप्यूटर पर सेक्सी फिल्म लगा रखी थी। जब वो कमरे मैं आई तो उसने देखा की सेक्सी फिल्म चल रही है। तब मैने वो फाटक से बंद कर दी।  मुझे पता था की वो मुझे पुछेगी की तुम क्या देख रहे थे।

और उसने वही पुछा तो मैने कहा कुछ नही वो तुम्हारे काम की चीज़ नही है। तो वो ज़िद करने लगी। तब मैं उसे कहा की मैं सेक्सी फिल्म देख रहा था। तब वो बोली की मुझे भी देखनी है। फिर मैने फिल्म  फिर से ऑन की। थोड़ी देर बाद मैं उसके करीब जा कर बैठा तो उसने मुझे पूछा क्या तुमने कभी ऐसा किया है?  तो मैने कहा हाँ। और मे समज गया की वो मुझसे चुदवाना चाहती है।

मैने उसे झट से पकड़कर किस करने लगा तो वो ना ना करने लगी पर मे नही माना तो वो नॉर्मल  गयी। फिर धीरे धीरे उसे चूमता रहा। जब मुझे एहसास हुआ की वो पूरी गर्म हो चुकी थी तो मैने उसके कपड़े उतारना शुरू किया। उसने टाइट साडी बाँध रखी थी जिसमे वह बहूँत सेक्सी लग रही थी। उसके कपड़े उतारने के बाद उसकी कोमल नाज़ुक जवानी देखकर मैं थोड़ी देर दंग सा रह गया। उसका फिगर यही कोई 36-28-34 था। उसके बोब्स तो बड़े-2 और गोरे-2 थे। उसकी चूत पर एक भी बाल नही था और गुलाबी रंग वाली रसीली चूत थी।

फिर मैने अपने कपड़े भी उतार दिए जेसे ही मैने अपना अंडरवीयर उतारा तो वो मेरा 6 इंच लंबा लंड देख कर दंग रह गयी उसके मुह से एक हाआऐययईईईईईईई निकली ओर बोली: "क्या मैं इसको झेल पाउंगी?"

मै बोला: "मेरी जान अगर तुम खुद अपने कुल्हे उठा उठा कर मेरा पूरा लंड अपने चूत मै ना ले लो तो मेरा नाम बदल देना।"

फिर मैंने उससे अपना लंड मुह मे लेने के लिए कहा। तब वो बोली: "कितना बड़ा है तुम्हारा लंड मैं तो मर जाउंगी।"

"चिंता मत कर मेरी जान मैं धीरे धीरे करूँगा"

फिर वो मेरा लंड मुह में लेकर 20 मिनट तक चुसती रही। वो पहली बार ये सब कर रही थी लेकिन किसी जानकार लड़की की तरह यह सब कर रही थी। थोड़ी देर बाद हम 69 मै आ गये वो मेरे ऊपर थी ओर मेरा लंड खूब ज़ोर ज़ोर से जितना हो सकता था उतना अपने मुह में लेकर चुस रही थी।

मे भी उसकी चूत चाटने और चूसने लगा। तो वो छटपटाने लगी। मेने मेरी जीभ उसकी चूत मे डाल के उसे जीभ से चोदने लगा वो मुह से म्म्म्म माआ आअहह कर रही थी। उसे अब 2 मज़े मिल रहे थे। एक तो चूत चाटने का ओर दूसरा लंड चूसने का। मेरा लंड लोहे की तरह सख़्त हो गया था। अब मेने उसे बेड पर लिटा दिया और मेरा लंड उसकी चूत पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालने की कोशिश कर रहा था।

लेकिन चूत टाइट होने के कारण वो अंदर नही जा रहा था फिर मैं उठा ओर तेल लाकर उसकी चूत पर ओर कुछ अपने लंड पर लगा कर उसकी चूत के छेद पर लंड रखने के बाद मैने उसके होठ पर मेरे होठ रख के उसे किस करने लगा और एक ज़ोर का झटका दिया और पूरा लंड उसकी चूत में अंदर तक डाल  दिया। उसके मुह से एक चीख निकल गयी लेकिन मेरे मुह के अंदर दब गयी। उसकी सील टूटने की वजह से उसका ब्लडिंग शुरू हो गया था और वो रोने लग गई थी। तो में थोड़ी देर उसकी टाइट और रसीली चूत मे मेरा बड़ा और मोटा लंड डाले हुए बिना हिले डुले उसके उपर पड़ा रहा और उसके बोब्स  दबाता रहा और उसे किस करता रहा। फिर थोड़ी देर बाद उसे जब अच्छा लगने लगा तब मैने झटके देना शुरू किया। में उसकी बिल्कुल फ्रेश चूत में मेरा बड़ा और मोटा लंड अंदर-बाहर करके उसे चोद रहा था और वो भी नीचे से उसके कूल्हे उठा-उठा के मज़े लेकर मुजसे चुदवा रही थी।

उसके मुह से बड़ी अज़ीब सी आवाजे आ रही थी। "ओह्ह्ह मेरे राजा आज मुझे ओरत बना दो इस साली को फाड़ दो"

वो पूरा लंड ले रही थी और मूज़े ललकार रही थी: "और ज़ोर से चोदो अपनी रानी को। आज तुमने मूज़े स्वर्ग का मज़ा दिया है आआअहह। अब तो में तुमसे ही रोज़ाना चुदवाया करूँगी। फाड़ दो अपनी रानी की चूत को।  बना दो उसका भोसड़ा"

उसके मुह से ऐसी बातें सुन के मुझे बड़ा जोश आ रहा था ओर ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत चोद रहा था हर धक्के मैं वो एक दो इंच उपर हो रही थी।

40 मिनट की चुदाई के बाद वो बोली: "मेरे राजा मैं झड़ने वाली हूँ। आआअहह लो मैं ज्झदीइईईईईई"

उसने मुझे अपने पेरो के बीच मैं जकड़ लिया था। मैं भी रुक गया वो जब पूरी तरह झड़ गयी तो बोली: "मेरी जान आज तुमने मुझे ओरत बना दिया है"

"तुम खुश तो होना?"

"आज से पहले मैं कभी भी इतनी खुश नही हुई।"

"ठीक है अभी मेरा झड़ना बाकी है अब तुम घोड़ी बन जाओ मैं तुम्हे पीछे से चोदुगा।"

वो तुरंत घूम गयी पीछे से उसके कूल्हे बहुत मस्त लग रहे थे।

फिर मैने पूछा: "क्या मैं तुम्हारी गांड मैं अपना लंड डाल सकता हूँ?"

"जो चाहे करो बस मुझे मज़ा आना चाहिए"

"शुरु मैं तोड़ा दर्द होगा"

"पता है। मै ना भी करूँ तब भी तुम ज़बरदस्ती मेरी गांड ज़रूर मारोगे वेसे मै भी गांड चुदवाने का मज़ा लेना चाहती हूँ… बस आराम से मारना मेरी गांड को"

"ठीक है"

फिर मैने तोड़ा तेल लिया ओर उसकी गांड पर लगाया ओर कुछ अपने लंड पर।

फिर मैने उसकी गांड के छेद पर अपना 6 इंच लंबा ओर 3.5 इंच मोटा लंड रखा ओर एक जोरदार धक्का मारा उसने अपने होट दबा लिए जिससे उसकी चीख बाहर नही आ सकी मैने देखा वो रो रही थी मैने पूछा: "रुपाली क्या दर्द हो रहा है तो रहने देते है"

"नही विकास अपना लंड मत निकालना पूरा लंड मेरी गांड मैं डाल दो"

मैं भी नही रुका ओर पूरा लंड बाहर करके एक जोरदार झटका मारा की पूरा का पूरा लंड उसकी गांड मैं समा गया।

फिर मैं रुका नही ओर खुब उसकी गांड मारता रहा उसकी गांड उसकी चूत से भी ज़्यादा टाइट थी मुझे उसकी गांड मारने मैं बहुत मज़ा आ रहा था ओर वो भी मेरी चुदाई का मज़ा ले रही थी.

"आह  आअहह मारो राज ओर ज़ोर से मारो मेरी गांड मारते रहो मुझे तुमसे चुदवाने मैं बहुत मज़ा आ रहा है".

तकरीबन 30-35 मिनट उसे चोदने के बाद मैंने रुपाली को कहा: "मेरी जान मैं अब झड़ने वाला हूँ"

"प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेरी गांड को अपने अनमोल रस से भर दो मैं तुम्हारा बहूँत एहसान मंद रहूंग"

इस दोरान मैं अपनी सीमा पर आ गया था ओर खूब ज़ोर ज़ोर से अपना लंड उसकी गांड मैं डाल कर चोद रहा था

"आहह म्म्म्म ह मारो मारो" चिल्ला रही थी की तभी मैं झड़ने लगा मैने अपना प्यारा रस उसकी गांड मैं डाल दिया। झड़ने के दोरान उसे भी मेरा रस अपनी गांड मै महसूसे हो रहा था जब मैं पूरा पानी उसकी गांड मै निकाल कर अपना लंड बाहर किया तो उसकी गांड से मेरा पानी बाहर आ रहा था।

फिर वो उठ कर बाथरूम गयी ओर कपड़े पहने। फिर मुझे किस करने लगी मेने रुपाली से पूछा: "तुम तो शादीशुदा हो फिर तुम्हारी चूत से ब्लड केसा?"

"किसी को बताना नही मेरे पति मुझे ठीक से चोद नही पाते है उनका लंड 3-4 इंच से ज़्यादा नही है। जिसकी वजह से मेरी सील भी नही तोड़ सके है वो तो 1 या 2 मिनट मै ही झड़ जाते है ओर मैं प्यासी रह जाती थी। तुम तो जानते हो संध्या को वो मेरी गुड फ्रेंड है। जब मैने उसे अपनी प्रोब्लम बताई तो उसने मुझसे प्रॉमिस लिया ओर बोला मैं तेरी प्रोब्लम ठीक कर सकती हूँ अगर तुम मानो तो फिर मैने संध्या से कहा की मे वादा करती हूँ की यह बात मेरे सीवा किसी को पता नही चलेगी उसके बाद उसने मुझे तुम्हारे ओर उसके रीलेशन के बारे मैं बताया ओर कहा की तुम चाहो तो विकास को पटा सकती हो ओर उसके लंड का मज़ा ले सकती हो।"

"फिर मै टिकट के बहाने तुमसे मिली ओर धीरे धीरे तुमसे खुल गयी"

मैं उसकी बात सुन कर हेरान था पर मुझे क्या मुझे तो चूत चाहिये थी जो मुझे मिली ओर वो भी फ्रेश फिर उसने पूछा: "विकास, जब कभी सेक्स करने का मोका मिलेगा तो क्या तुम मुझे चोदोगे?"

"तुम्हे ना करने वाला कोई पागल ही हो सकता है। तुम जब भी मुझे याद करोगी मैं आ जाउंगा।"

फिर वो मुझे किस करके चली गयी।

फिर दो तीन दिन तक वो मेरे यहा आई नही। लेकिन उसके बाद जब भी हमें मोका मिलता है मैं उससे खूब चोदता हूँ। आज तक मेने उसे कितनी बार चोदा है यह मुझे भी याद नही है . . .

धन्यवाद …

साली की चुदाई

उन दिनों की बात है जब हमारे घर मे नये किरायेदार रहने आये थे, घर के नीचे के हिस्से मे हम लोग रहते थे ओर ऊपर के हिस्से मे किरायेदार रहते थे. एक रूम मे 2 लड़कियां ओर दूसरे रूम मे एक भाई ओर बहन रहते थे, वो सभी एक ही सिटी से थे ओर सब एक दूसरे को जानते थे, दोनो लड़कियो के नाम हीना और सीमा था, दोनो देखने मे बहुत खूबसूरत थी, ख़ासकर हीना बहुत खूबसूरत थी, जब घर मे रहती थी तो स्कर्ट ओर शर्ट पहनती थी, सीमा भी खूबसूरत थी लेकिन हीना के जितनी नही, हीना की बॉडी फिगर भी बहुत अच्छा था, उसकी बॉडी भरी भरी थी जिससे वो ओर भी अच्छी लगती थी, काले बाल उसकी खूबसूरती को ओर भी बडाते थे.

गर्मी मे शाम देर से होती है तो मैं अक्सर शाम को छत पर चला जाया करता था ओर छत पर 1-2 घंटे रहता था, हीना मेडिकल की तैयारी कर रही थी ओर उसकी  क्लास 2 बजे तक ख़त्म होती थी ओर वो 3 बजे तक घर आ जाती थी, जब मैं शाम को छत पर जाता था तो अक्सर हीना भी अपने रूम के बाहर ही देखता था, मैं हीना से हमेशा बात करने के कोशिश मे रहता था ओर जैसे ही मौका मिलता था वैसे ही मैं उससे बाते करता था, उसे इंटरनेट के बारे मे कुछ भी पता नही था

एक दिन उसने मुझसे कहाँ की मुझे अपने एक फ्रेंड को मैल करना है, लेकिन मैल कैसे करते है मुझे पता नही है क्या आप मेरी मदद करेंगे, मैने कहाँ ठीक है मैं आपको बता दूँगा, हमारे घर से थोडी दूरी पर ही एक साइबर कैफे  है जिसमे मैं ओर हीना गये ओर मैने उसे मैल करने के बारे मे बताया, जब मैं उसे बता रहा था तो कितनी बार मेरा हाथ उसके हाथो से टच हुआ तो मुझे तो बहुत अच्छा लग रहा था लेकिन जब भी हाथ टच होता तो मैं सॉरी बोलकर बात को इग्नोर करने की कोशिश करता, उसने कहाँ सॉरी बोलने की जुरूरत नही है. जब आप मुझे कुछ सीखा रहे है तो हाथ टच हो गया तो क्या हुआ….!!! फिर मैने वही कैफे मे उसके हाथ को हल्के से पकडने की कोशिश करने लगा ओर एक बार पकड भी लिया, उसके हाथ इतने मुलायम थे की बता नही सकता हूँ, बस दिल कर रहा था की उसके हाथो को इस तरह पकडे रहूँ.

थोडी देर बाद कैफे से हम लोग घर चले आये ओर वो अपने रूम मे चली गई, मैं उस दिन बहुत बेचैन हो गया की हीना से कैसे बात करु. वो सुबह को अपने मेडिकल क्लास जाती थी. वो क्लास करने के लिए घर से ऑटो से जाती थी ऑटो घर से थोड़े दूरी पर ही मिलता था, तो मैने डिसाइड किया की जब वो क्लास से लौटेगी तब उससे बात करूँगा ओर मै दूसरे दिन 1.30  बजे घर से निकल गया ओर उसके कोचिंग क्लास के बाहर जाकर उसके क्लास छूटने का इन्तजार  करने लगा,  उसकी क्लास छूटी तो देखा की सीमा भी उसके साथ मे है तो मैं निराश हो गया की अब कैसे बात करूँगा,

तभी मैने देखा की सीमा ने हीना से कुछ कहाँ ओर वो कही ओर जाने लगी ओर जब हीना आगे बडकर ऑटो की तरफ जाने लगी तो मैने अपनी बाइक हीना के बगल मे रोकी ओर कहाँ  की घर जा रहे हो तो मेरे साथ चलो मैं भी घर ही जा रहा हूँ ओर उसने बिना कुछ कहे वो मेरी बाइक पर बैठ गई.

मैं बहुत खुश था की हीना मेरी बाइक पर मेरे साथ बैठी थी जब वो बाइक पर बैठी थी तो उसके बूब्स बार बार मेरे पीठ से टच हो रहे थे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, तभी मैने हीना से कहाँ की मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो आप बहुत खूबसूरत हो ओर आज मैं आपसे बात करने के लिए ही यहाँ तक आया हूँ, मेरी बाते सुनकर हीना हँसने लगी ओर बोली आप भी मुझे अच्छे लगते है मैं भी आपसे बात करना चाहती थी लेकिन आप बात ही नही करते थे, फिर मैने पूछा की सीमा कहाँ गई है तो बोली की सीमा आपको देखकर मुझसे अलग चली गई है वो जानती थी की आप मुझसे बात करने के लिए यहाँ तक आये है,

उसकी बात सुनकर मैं बहुत खुश हो रहा था, दिल मे एक अजीब सी खुशी हो रही थी  हीना से बाते करते करते कब घर के पास आ गये पता ही नही चला, फिर मैं शाम होने का इंतज़ार करने लगा की शाम होगी तो छत पर जाऊँगा तो हीना से बाते करूँगा…..!!!

शाम हो गई मैं छत पर गया तो हीना बाहर ही बैठे हुये थी ओर सीमा अंदर रूम मे सो रही थी, जब हीना ने मुझे देखा तो मुझसे बैठने के लिए कहाँ तो मैं उसके बगल मे ही एक कुर्सी पर बैठ गया ओर थोड़े देर बाद हीना मेरे लिये चाय  बनाकर ले आई ओर बोली चाय पी लीजिये. मैने चाय का कप हाथ मे लेकर पीने लगा ओर एक हाथ हीना के हाथो के उपर रख दिया हीना देखकर थोड़ा सा मुस्कुराई लेकिन बोली कुछ नही मैं समझ गया की हीना भी चाहती है की मैं उसके साथ कुछ करू लेकिन शाम का टाइम था ज्यादातर लोग अपनी अपनी छतो पर थे तो मैं कुछ कर नही पा रहा था, मैने हीना के चहेरे की तरफ हाथ बडाकर उसके गालो को छूते हुये अपने हाथ उसके लिप्स पर ले गया तो हीना बोली क्या कर रहे हो विकास, सीमा देख लेगी तो क्या सोचगी,

फिर उसके बाद मैं थोडी देर वहाँ बैठा रहा ओर फिर नीचे चला आया ओर रात होने का इंतज़ार करने लगा, रात मे करीब 11 बजे मैं छत पर गया तो देखा की हीना के रूम की लाइट चालू है, तो मैं वही छत पर खड़ा होकर उसके बाहर आने का इन्तजार करने लगा.

रात को 11.30 बजे वो रूम से बाहर आई. तो मुझे देखकर चोंक गई ओर बोली आप यहाँ क्या कर रहे है, मैने कहाँ आपके बिना रहा नही जा रहा था आपकी याद आ रही थी तो छत पर चला आया, ये कहँते हुये मैने उसे अपनी बाहों मे खीच लिया तो बोली अरे ये क्या कर रहे है कोई देख लेगा तो. मैने कहाँ ऐसे टाइम कौन देख रहा है ओर कहँते हुये मैने उसके होठों को किस करना चाहा पहले तो उसने मना किया लेकिन फिर खुद ही वो मेरे होठों पर किस करते हुये बोली अब आप नीचे जाये, मैने बिना कुछ कहे दोबारा उसके होठों पर किस करने लगा, इस बार वो कुछ नही बोली इस टाइम भी वो स्कर्ट ओर शर्ट पहन रखे थे जब मैं उसके होठों पर किस कर रहा था तो उसके बूब्स मेरी छाती से टच हो रहे थे तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था फिर मैने उसे पीछे से पकडते हुये उसके गले पर किस करने लगा ओर उसकी चुचियो को अपने हाथो मे लेकर दबाने लगा पहले तो उसने थोड़ा सा विरोध किया लेकिन फिर जब मैं उसकी चुचियो को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा तो सिसकते हुये आआहह धीरे धीरे कीजिये उूउऊहह अब मेरा भी लंड टाईट होने लगा था, फिर मैने हीना से कहाँ की चलो सबसे उपर वाली छत पर चलते है ओर कहँते हुये मैने उसे गोदी मे उठा लिया उसने अपनी आँखे बंद कर ली ओर मैं उसे उठा कर सबसे उपर वाली छत पर चला गया.

वहाँ जाते ही हीना मेरे सीने से लिपट गई ओर मेरे होठों पर किस करने लगी ओर बोलने लगी विकास मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, ओर वो मेरे होठों को बेतहाशा चूमे जा रही थी ओर मैने अपने हाथो से उसके चुचियो को दबाना स्टार्ट कर दिया उसकी चुचिया बहुत टाइट थी थोड़ी देर मे ही मेरे हाथो मे दर्द होने लगा तो मैने हीना को पकडकर हल्का सा ज़मीन के उपर लेटाते हुए उसके शर्ट के सारे बटन खोल दिये उसने शर्ट के नीचे कुछ नही पहना था उसकी चुचियो को देख कर तो मानो मेरे लंड मे 440 वॉल्ट का करंट दौड़ गया हो फिर मैने उसकी चुचियो को अपने हाथो मे लेकर दबाने लगा ओर अपने मुहँ को उसकी चुचियो के पास ले जाकर उसके निपल को अपने दोनो होठों के बीच मे दबाकर अपनी जीभ से हल्का हल्का चूसने लगा

अब हीना को ओर भी अच्छा लगने लगा था अब मैने उसकी चुचियो को पूरा मुहँ मे लेकर चूसने लगा ओर हीना जोश मे बोल रही थी विकास मेरे विकास मेरे चुचियो का सारा दूध पी लो, ओर आआअहह चूसते रहो मेरे विकास ओर ज़ोर से चूसो

उसकी ये बाते मेरे अंदर ओर भी जोश पैदा कर रही थी ओर मेरे चूसने की स्पीड भी तेज हो गई थी, उसकी चुचियो को चूसते हुये मैने अपना एक हाथ उसके पेट के उपर से उसकी जांघों के पास ले गया ओर उसे हल्के हाथ से सहलाने लगा ओर हीना ने जोश मे मेरे मुहँ को अपने चुचियो पर ज़ोर से दबाने लगी ओर आआआ आआहह, मैं उसकी चुचियो को चूसते चूसते अपने हाथो से उसके स्कर्ट खोलने लगा तो पहले तो उसने मेरा हाथ पकड लिया फिर खुद ही उसने अपनी स्कर्ट खोल दी, उसने काले कलर की पैंटी पहन रखी थी. चाँदनी रात मे उसके खूबसूरत जिस्म ओर उपर से उसकी काली पैंटी मेरे ऊपर क़यामत कर रहे थे, मैने उसे अपनी बाहों मे भर कर उसके पूरे जिस्म को अपने हाथो से सहलाने लगा मेरा लंड अब मेरे कंट्रोल मे नही हो रहा था. फिर मैंने जल्दी से उसकी पैंटी उतार दी उसकी चिकनी चूत को देखकर तो मेरे होश ही उड़ गये चिकनी चूत इतनी सॉफ्ट चूत थी की क्या बताऊँ.

मैने उसकी चूत पर एक हल्का सा किस किया तो वो जोश से भर गई ओर फिर मेरे कपड़े उतरने लगे अब हम दोनो पूरे नंगे थे हीना के शरीर पर भी कोई कपड़ा नही था ओर मेरे शरीर पर भी नही. उसने जैसे ही अपने मुलायम हाथो से मेरे लंड को टच किया, मेरे तो होश ही उड़ गये, मेरा लंड पूरे तरह से उसके हाथो मे नही आ रहा था, वो बार बार लंड को पूरे तरह से पकडने की कोशिश कर रही थी फिर उसने एक बार मेरे लंड पर झुक कर उसे किस कर लिया ओर मेरा लंड बेकाबू हो गया फिर मैने उसे अपने ऊपर से हटाते हुये उसे नीचे लेटा दिया ओर मैं उसकी चूत के पास अपना मुहँ ले जाकर उस पर किस किया तो बोली विकास ये क्या कर रहे हो

मुझे कुछ हो रहा है ओर वो उउउफफफफ़फसे मत करो फिर मैने अपनी जीभ निकली ओर उसकी चूत के उपर अपनी जीभ को फेरने लगा ओर हीना ने ज़ोर ज़ोर से आआआआआआअहह करते रहो आआओउुउउ हीना को देखकर लग रहा था की अब उससे भी कंट्रोल नही हो रहा था फिर वो बोलने लगी मेरे विकास जो करना है जल्दी से कर लो, जल्दी जल्दी कर लो उूउऊहह आआआअ बस करो विकास अब ओर नही आआअहह उउउहह विकास जल्दी से कर लो.

फिर मैने अपने दोनो हाथो से उसकी चूत को हल्का से फैलाया ओर अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाल दी, उसकी चूत बहुत ही गरम थी, अब हीना ने मेरे मुहँ को ज़ोर से अपनी चूत पर दबा कर अपनी कमर को हिलाने लगी तो साथ मे बड़बडा रही थी पूरा चूस लो मेरी चूत को चूस लो विकास विकास आई  लव यू विकास चूस लो मेरी चूत का सारा रस विकास मेरे विकास उूऊऊऊऊऊ आआहहह्ह्ह्ह ओर फिर उसकी कमर हिलाने की स्पीड थोड़े धीरे हो गई ओर उसकी चूत से रस निकलने लगा, जब तक उसकी चूत से रस निकल रहा था तब तक उसने मेरे मुहँ को अपनी चूत पर कसकर दबा रखा था. फिर मैं उठा ओर उसके बगल मे लेट गया ओर वो मेरे से लिपट गई ओर मेरे लंड को अपने हाथो मे लेकर हिलाने लगी, एक हाथ से वो मेरे लंड को हिला रही थी ओर उसका दूसरा हाथ मेरे सारे शरीर पर चल रहा था, मेरा लंड पूरा टाइट खड़ा हो चुका था

हीना ने उठकर मेरे लंड के पास गई ओर अपने होठों से मेरे लंड के चारो तरफ किस करने लगी अब मैं पूरे तरह से बेकाबू हो कर चोदने के लिये तैयार हो गया था.मैने हीना को नीचे लेटा कर उसके दोनो पैरो को फैलाया ओर उसके बीच मे जाकर बैठ गया ओर बड़े ध्यान से मेरी ओर देख रही थी, मैने उसकी  चूत मे एक उंगली डाली तो लगा की उसकी चूत बहुत टाइट है मेरी एक उंगली भी उसकी चूत मे बडी  मुश्किल से जा रही थी फिर मैने अपनी उंगली को उसकी चूत के अंदर डालकर अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा थोडी देर मे ही उंगली आसानी से अंदर बाहर होने लगी तब मैने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा तो उसने अपनी आँखे बंद कर ली, मैने हल्के से अपने लंड को उसकी चूत पर दबाया ही था की वो चिल्ला उठी नही विकास अब नही दर्द हो रहा है मैने उस टाइम थोड़ा सा अपने लंड को ओर दबा दिया मेरा आधा लंड उसकी चूत मे जा चुका था ओर वो ज़ोर से चिल्लाई विकास नही में मर जाऊँगी, प्लीज रहने दो आआहह बहुत दर्द हो रहा है उूऊऊऊउऊहह विकास अब मत करो बहुत दर्द हो रहा है मैने अपने लंड को वैसे ही छोड़ दिया आधा अंदर आधा बाहर थोडी देर मे जब उसका दर्द जैसे ही कम हुआ मैने ज़ोर का एक झटका दिया ओर मेरा पूरा लंड हीना की चूत मे धस गया ओर वो इस बार ज़ोर से चिल्ला उठी विकास आआअहहह्ह्ह्ह विकास बस करो, मैने अपना लंड उसकी चूत मे डालकर वैसे ही छोड़ दिया, 2 मिनिट के बाद जब उसका दर्द कम हुआ तो हीना ने अपने दोनो हाथो से मुझे जकड लिया ओर मेरे होठों पर किस करने लगी उसके किस से मेरे अंदर की इच्छा ओर बडने लगी ओर मैने फिर से अपना लंड हीना की चूत से निकाला ओर फिर एक ज़ोर का झटका मारा इस बार मेरा पूरा लंड एक ही बार मे अंदर चला गया ओर हीना बोली स्स्स्सस्स्स्सहहिईीईईईईई धीरे धीरे करो दर्द हो रहा है, फिर मैने अपने लंड को उसकी चूत मे ही छोड़ कर उसके होठों को चूसने लगा जब वो मेरे होठों को चूसने मे मस्त हो गई तो मैने अपने लंड को एक ज़ोर का झटका फिर से उसकी चूत मे मारा.

इस बार उसे उतना दर्द नही हुआ ओर वो बस आआहह मेरे विकास अपना लंड मेरी चूत मे डाल दो, मेरी चूत सिर्फ़ तुम्हारी है विकास, ओर मैने अपने लंड को अब उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा ओर हीना तो बस उउऊईईईंमम मर गई, ओर ज़ोर से मेरे विकास ओर ज़ोर से, करते रहो आज मेरी चूत की प्यास मिटा दो मेरे विकास उूउउफफफफफफफफफ्फ़ अब हीना को भी मज़ा आने लगा था ओर वो भी हल्के हल्के अपनी कमर को उठा कर साथ देने लगी, मैं पूरे जोश से अपने लंड को उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था ओर साथ ही साथ उसके होठों को भी बीच बीच मे चूम रहा था,

तभी अचानक उसकी कमर उठाने की स्पीड बहुत तेज हो गई ओर कहँने लगी मेरे विकास आज मेरी चूत को फाड दो ओर ज़ोर से करो मेरे साथ आआअहहह्ह्ह्हह करते रहो मेरे विकास करते रहो ओर उसने अपने दोनो पैरो से मेरी कमर को पूरे तरह से जकड लिया ओर एक ज़ोर के झटके के साथ मे वो झड़ गये ओर मेरे होठों पर अपने होठों को रख कर किस करने लगे, मेरा लंड भी अब आखरी स्टेज पर आ चुका था ओर मैने ओर ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत मे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा ओर ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा ओर फिर मैं भी झड़ने लगा मै उसकी चूत मे ही झड़ गया उसकी चूत मेरे वीर्य से भर गई.

मै 2 मिनिट तक तो ऐसे ही उसके उपर लेटा रहा फिर उसके बगल मे आकर लेट गया ओर वो मेरे कंधे पर सर रखकर लेट गई. उसका नंगा मुलायम शरीर सच मे बहुत खूबसूरत लग रहा था, मैने रात में ही एक बार फिर उसकी चुदाई की ओर सुबह 5 बजे जब हल्की रोशनी होने लगी तब हम लोग नीचे गये.

जब नीचे गये तब तक सीमा जग चुकी थी ओर उसने हम दोनो को साथ मे देखकर हसंते हुये बोली की रात भर आप लोग सोये नही है क्या, हीना तो उसकी बात सुनकर हसं कर रूम के अंदर चली गई ओर फिर मैं भी नीचे अपने रूम मे चला गया. उस दिन हीना पूरा दिन सोते रही ओर वो अपनी कोचिग क्लास भी नही गई, 10 दिनो तक तो रोज हम लोग रोज रात मे इस तरह से चुदाई का खेल खेलते रहे. लेकिन एक दिन सीमा ने हम लोगो को देख लिया ओर उसने मुझसे अकेले मे कहाँ की मैं उसके साथ भी चुदाई करू.