यह कहानी कुछ 6 महीने पहले की है। में रोज़ सुबह 8 बजे निकल जाता था और फिर शाम 4 बजे मैं आता था। मेरे पड़ोसी मिस्टर शर्मा रहते है। उनकी एक मस्त पत्नी है रुपाली… जो पास के एक स्कूल मैं टीचर है। वह सुबह 8:00 बजे स्कूल जाती है और 3:00 बजे घर आ जाती है। फिर दिन बर घर मैं अकेली रहती थी।
एक दिन मेरा छुट्टी वाला दिन था तो मैं आराम से सो रहा था वाइफ ने मुझे जगाया ओर बोला की डोर लॉक कर लो मैं बच्चों का साथ बाहर जा रही हूँ। मेने उठ कर डोर लॉक किया ओर फिर सो गया करीब 30 मिनट बाद फिर डोर बेल बजी। मैने डोर खोला और देखा तो रुपाली सामने खड़ी थी। मैं हेरान हो गया ओर सोच रहा था की यह आज मेरे घर पर कैसे? वो मुझे बड़ी गोर से देख रही थी की तभी वो अचानक हंसने लगी ओर बोली: "घर मैं कपड़े नही है?"
क्या मैंने निचे देखा ओर भाग कर आपने रूम मैं गया ओर शर्ट ओर पेंट पहन कर आया तब तक वो हॉल मैं बेठ गयी थी।
मेने पूछा: "कहिये कैसे आना हुआ"
"कल हमारे स्कूल मैं पार्टी है मै उसी के टिकट बेच रही हूँ। 2 टिकेट बची थी सोचा आप को दे दू।"
"आपने बिल्कुल ठीक सोचा". मैने उनसे टिकट ले ली थोड़ी देर बातचीत हुई। फिर उससे मेरी अच्छी फ्रेंडशिप हो गयी थी।
हमारी मुलाकात के कुछ 18 दिन बाद वो मेरे कमरे मैं बैठी थी। मैं उसके साथ मस्ती कर रहा था। मस्ती मस्ती मैं मैने उसके चुचियो को दबाया। फिर वो उठ के चली गयी। फिर दूसरे दिन वो मेरे कमरे मे फिर से आई। लेकिन जब वो आने वाली थी उसके पहले मैने अपने कंप्यूटर पर सेक्सी फिल्म लगा रखी थी। जब वो कमरे मैं आई तो उसने देखा की सेक्सी फिल्म चल रही है। तब मैने वो फाटक से बंद कर दी। मुझे पता था की वो मुझे पुछेगी की तुम क्या देख रहे थे।
और उसने वही पुछा तो मैने कहा कुछ नही वो तुम्हारे काम की चीज़ नही है। तो वो ज़िद करने लगी। तब मैं उसे कहा की मैं सेक्सी फिल्म देख रहा था। तब वो बोली की मुझे भी देखनी है। फिर मैने फिल्म फिर से ऑन की। थोड़ी देर बाद मैं उसके करीब जा कर बैठा तो उसने मुझे पूछा क्या तुमने कभी ऐसा किया है? तो मैने कहा हाँ। और मे समज गया की वो मुझसे चुदवाना चाहती है।
मैने उसे झट से पकड़कर किस करने लगा तो वो ना ना करने लगी पर मे नही माना तो वो नॉर्मल गयी। फिर धीरे धीरे उसे चूमता रहा। जब मुझे एहसास हुआ की वो पूरी गर्म हो चुकी थी तो मैने उसके कपड़े उतारना शुरू किया। उसने टाइट साडी बाँध रखी थी जिसमे वह बहूँत सेक्सी लग रही थी। उसके कपड़े उतारने के बाद उसकी कोमल नाज़ुक जवानी देखकर मैं थोड़ी देर दंग सा रह गया। उसका फिगर यही कोई 36-28-34 था। उसके बोब्स तो बड़े-2 और गोरे-2 थे। उसकी चूत पर एक भी बाल नही था और गुलाबी रंग वाली रसीली चूत थी।
फिर मैने अपने कपड़े भी उतार दिए जेसे ही मैने अपना अंडरवीयर उतारा तो वो मेरा 6 इंच लंबा लंड देख कर दंग रह गयी उसके मुह से एक हाआऐययईईईईईईई निकली ओर बोली: "क्या मैं इसको झेल पाउंगी?"
मै बोला: "मेरी जान अगर तुम खुद अपने कुल्हे उठा उठा कर मेरा पूरा लंड अपने चूत मै ना ले लो तो मेरा नाम बदल देना।"
फिर मैंने उससे अपना लंड मुह मे लेने के लिए कहा। तब वो बोली: "कितना बड़ा है तुम्हारा लंड मैं तो मर जाउंगी।"
"चिंता मत कर मेरी जान मैं धीरे धीरे करूँगा"
फिर वो मेरा लंड मुह में लेकर 20 मिनट तक चुसती रही। वो पहली बार ये सब कर रही थी लेकिन किसी जानकार लड़की की तरह यह सब कर रही थी। थोड़ी देर बाद हम 69 मै आ गये वो मेरे ऊपर थी ओर मेरा लंड खूब ज़ोर ज़ोर से जितना हो सकता था उतना अपने मुह में लेकर चुस रही थी।
मे भी उसकी चूत चाटने और चूसने लगा। तो वो छटपटाने लगी। मेने मेरी जीभ उसकी चूत मे डाल के उसे जीभ से चोदने लगा वो मुह से म्म्म्म माआ आअहह कर रही थी। उसे अब 2 मज़े मिल रहे थे। एक तो चूत चाटने का ओर दूसरा लंड चूसने का। मेरा लंड लोहे की तरह सख़्त हो गया था। अब मेने उसे बेड पर लिटा दिया और मेरा लंड उसकी चूत पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालने की कोशिश कर रहा था।
लेकिन चूत टाइट होने के कारण वो अंदर नही जा रहा था फिर मैं उठा ओर तेल लाकर उसकी चूत पर ओर कुछ अपने लंड पर लगा कर उसकी चूत के छेद पर लंड रखने के बाद मैने उसके होठ पर मेरे होठ रख के उसे किस करने लगा और एक ज़ोर का झटका दिया और पूरा लंड उसकी चूत में अंदर तक डाल दिया। उसके मुह से एक चीख निकल गयी लेकिन मेरे मुह के अंदर दब गयी। उसकी सील टूटने की वजह से उसका ब्लडिंग शुरू हो गया था और वो रोने लग गई थी। तो में थोड़ी देर उसकी टाइट और रसीली चूत मे मेरा बड़ा और मोटा लंड डाले हुए बिना हिले डुले उसके उपर पड़ा रहा और उसके बोब्स दबाता रहा और उसे किस करता रहा। फिर थोड़ी देर बाद उसे जब अच्छा लगने लगा तब मैने झटके देना शुरू किया। में उसकी बिल्कुल फ्रेश चूत में मेरा बड़ा और मोटा लंड अंदर-बाहर करके उसे चोद रहा था और वो भी नीचे से उसके कूल्हे उठा-उठा के मज़े लेकर मुजसे चुदवा रही थी।
उसके मुह से बड़ी अज़ीब सी आवाजे आ रही थी। "ओह्ह्ह मेरे राजा आज मुझे ओरत बना दो इस साली को फाड़ दो"
वो पूरा लंड ले रही थी और मूज़े ललकार रही थी: "और ज़ोर से चोदो अपनी रानी को। आज तुमने मूज़े स्वर्ग का मज़ा दिया है आआअहह। अब तो में तुमसे ही रोज़ाना चुदवाया करूँगी। फाड़ दो अपनी रानी की चूत को। बना दो उसका भोसड़ा"
उसके मुह से ऐसी बातें सुन के मुझे बड़ा जोश आ रहा था ओर ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत चोद रहा था हर धक्के मैं वो एक दो इंच उपर हो रही थी।
40 मिनट की चुदाई के बाद वो बोली: "मेरे राजा मैं झड़ने वाली हूँ। आआअहह लो मैं ज्झदीइईईईईई"
उसने मुझे अपने पेरो के बीच मैं जकड़ लिया था। मैं भी रुक गया वो जब पूरी तरह झड़ गयी तो बोली: "मेरी जान आज तुमने मुझे ओरत बना दिया है"
"तुम खुश तो होना?"
"आज से पहले मैं कभी भी इतनी खुश नही हुई।"
"ठीक है अभी मेरा झड़ना बाकी है अब तुम घोड़ी बन जाओ मैं तुम्हे पीछे से चोदुगा।"
वो तुरंत घूम गयी पीछे से उसके कूल्हे बहुत मस्त लग रहे थे।
फिर मैने पूछा: "क्या मैं तुम्हारी गांड मैं अपना लंड डाल सकता हूँ?"
"जो चाहे करो बस मुझे मज़ा आना चाहिए"
"शुरु मैं तोड़ा दर्द होगा"
"पता है। मै ना भी करूँ तब भी तुम ज़बरदस्ती मेरी गांड ज़रूर मारोगे वेसे मै भी गांड चुदवाने का मज़ा लेना चाहती हूँ… बस आराम से मारना मेरी गांड को"
"ठीक है"
फिर मैने तोड़ा तेल लिया ओर उसकी गांड पर लगाया ओर कुछ अपने लंड पर।
फिर मैने उसकी गांड के छेद पर अपना 6 इंच लंबा ओर 3.5 इंच मोटा लंड रखा ओर एक जोरदार धक्का मारा उसने अपने होट दबा लिए जिससे उसकी चीख बाहर नही आ सकी मैने देखा वो रो रही थी मैने पूछा: "रुपाली क्या दर्द हो रहा है तो रहने देते है"
"नही विकास अपना लंड मत निकालना पूरा लंड मेरी गांड मैं डाल दो"
मैं भी नही रुका ओर पूरा लंड बाहर करके एक जोरदार झटका मारा की पूरा का पूरा लंड उसकी गांड मैं समा गया।
फिर मैं रुका नही ओर खुब उसकी गांड मारता रहा उसकी गांड उसकी चूत से भी ज़्यादा टाइट थी मुझे उसकी गांड मारने मैं बहुत मज़ा आ रहा था ओर वो भी मेरी चुदाई का मज़ा ले रही थी.
"आह आअहह मारो राज ओर ज़ोर से मारो मेरी गांड मारते रहो मुझे तुमसे चुदवाने मैं बहुत मज़ा आ रहा है".
तकरीबन 30-35 मिनट उसे चोदने के बाद मैंने रुपाली को कहा: "मेरी जान मैं अब झड़ने वाला हूँ"
"प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेरी गांड को अपने अनमोल रस से भर दो मैं तुम्हारा बहूँत एहसान मंद रहूंग"
इस दोरान मैं अपनी सीमा पर आ गया था ओर खूब ज़ोर ज़ोर से अपना लंड उसकी गांड मैं डाल कर चोद रहा था
"आहह म्म्म्म ह मारो मारो" चिल्ला रही थी की तभी मैं झड़ने लगा मैने अपना प्यारा रस उसकी गांड मैं डाल दिया। झड़ने के दोरान उसे भी मेरा रस अपनी गांड मै महसूसे हो रहा था जब मैं पूरा पानी उसकी गांड मै निकाल कर अपना लंड बाहर किया तो उसकी गांड से मेरा पानी बाहर आ रहा था।
फिर वो उठ कर बाथरूम गयी ओर कपड़े पहने। फिर मुझे किस करने लगी मेने रुपाली से पूछा: "तुम तो शादीशुदा हो फिर तुम्हारी चूत से ब्लड केसा?"
"किसी को बताना नही मेरे पति मुझे ठीक से चोद नही पाते है उनका लंड 3-4 इंच से ज़्यादा नही है। जिसकी वजह से मेरी सील भी नही तोड़ सके है वो तो 1 या 2 मिनट मै ही झड़ जाते है ओर मैं प्यासी रह जाती थी। तुम तो जानते हो संध्या को वो मेरी गुड फ्रेंड है। जब मैने उसे अपनी प्रोब्लम बताई तो उसने मुझसे प्रॉमिस लिया ओर बोला मैं तेरी प्रोब्लम ठीक कर सकती हूँ अगर तुम मानो तो फिर मैने संध्या से कहा की मे वादा करती हूँ की यह बात मेरे सीवा किसी को पता नही चलेगी उसके बाद उसने मुझे तुम्हारे ओर उसके रीलेशन के बारे मैं बताया ओर कहा की तुम चाहो तो विकास को पटा सकती हो ओर उसके लंड का मज़ा ले सकती हो।"
"फिर मै टिकट के बहाने तुमसे मिली ओर धीरे धीरे तुमसे खुल गयी"
मैं उसकी बात सुन कर हेरान था पर मुझे क्या मुझे तो चूत चाहिये थी जो मुझे मिली ओर वो भी फ्रेश फिर उसने पूछा: "विकास, जब कभी सेक्स करने का मोका मिलेगा तो क्या तुम मुझे चोदोगे?"
"तुम्हे ना करने वाला कोई पागल ही हो सकता है। तुम जब भी मुझे याद करोगी मैं आ जाउंगा।"
फिर वो मुझे किस करके चली गयी।
फिर दो तीन दिन तक वो मेरे यहा आई नही। लेकिन उसके बाद जब भी हमें मोका मिलता है मैं उससे खूब चोदता हूँ। आज तक मेने उसे कितनी बार चोदा है यह मुझे भी याद नही है . . .
धन्यवाद …
एक दिन मेरा छुट्टी वाला दिन था तो मैं आराम से सो रहा था वाइफ ने मुझे जगाया ओर बोला की डोर लॉक कर लो मैं बच्चों का साथ बाहर जा रही हूँ। मेने उठ कर डोर लॉक किया ओर फिर सो गया करीब 30 मिनट बाद फिर डोर बेल बजी। मैने डोर खोला और देखा तो रुपाली सामने खड़ी थी। मैं हेरान हो गया ओर सोच रहा था की यह आज मेरे घर पर कैसे? वो मुझे बड़ी गोर से देख रही थी की तभी वो अचानक हंसने लगी ओर बोली: "घर मैं कपड़े नही है?"
क्या मैंने निचे देखा ओर भाग कर आपने रूम मैं गया ओर शर्ट ओर पेंट पहन कर आया तब तक वो हॉल मैं बेठ गयी थी।
मेने पूछा: "कहिये कैसे आना हुआ"
"कल हमारे स्कूल मैं पार्टी है मै उसी के टिकट बेच रही हूँ। 2 टिकेट बची थी सोचा आप को दे दू।"
"आपने बिल्कुल ठीक सोचा". मैने उनसे टिकट ले ली थोड़ी देर बातचीत हुई। फिर उससे मेरी अच्छी फ्रेंडशिप हो गयी थी।
हमारी मुलाकात के कुछ 18 दिन बाद वो मेरे कमरे मैं बैठी थी। मैं उसके साथ मस्ती कर रहा था। मस्ती मस्ती मैं मैने उसके चुचियो को दबाया। फिर वो उठ के चली गयी। फिर दूसरे दिन वो मेरे कमरे मे फिर से आई। लेकिन जब वो आने वाली थी उसके पहले मैने अपने कंप्यूटर पर सेक्सी फिल्म लगा रखी थी। जब वो कमरे मैं आई तो उसने देखा की सेक्सी फिल्म चल रही है। तब मैने वो फाटक से बंद कर दी। मुझे पता था की वो मुझे पुछेगी की तुम क्या देख रहे थे।
और उसने वही पुछा तो मैने कहा कुछ नही वो तुम्हारे काम की चीज़ नही है। तो वो ज़िद करने लगी। तब मैं उसे कहा की मैं सेक्सी फिल्म देख रहा था। तब वो बोली की मुझे भी देखनी है। फिर मैने फिल्म फिर से ऑन की। थोड़ी देर बाद मैं उसके करीब जा कर बैठा तो उसने मुझे पूछा क्या तुमने कभी ऐसा किया है? तो मैने कहा हाँ। और मे समज गया की वो मुझसे चुदवाना चाहती है।
मैने उसे झट से पकड़कर किस करने लगा तो वो ना ना करने लगी पर मे नही माना तो वो नॉर्मल गयी। फिर धीरे धीरे उसे चूमता रहा। जब मुझे एहसास हुआ की वो पूरी गर्म हो चुकी थी तो मैने उसके कपड़े उतारना शुरू किया। उसने टाइट साडी बाँध रखी थी जिसमे वह बहूँत सेक्सी लग रही थी। उसके कपड़े उतारने के बाद उसकी कोमल नाज़ुक जवानी देखकर मैं थोड़ी देर दंग सा रह गया। उसका फिगर यही कोई 36-28-34 था। उसके बोब्स तो बड़े-2 और गोरे-2 थे। उसकी चूत पर एक भी बाल नही था और गुलाबी रंग वाली रसीली चूत थी।
फिर मैने अपने कपड़े भी उतार दिए जेसे ही मैने अपना अंडरवीयर उतारा तो वो मेरा 6 इंच लंबा लंड देख कर दंग रह गयी उसके मुह से एक हाआऐययईईईईईईई निकली ओर बोली: "क्या मैं इसको झेल पाउंगी?"
मै बोला: "मेरी जान अगर तुम खुद अपने कुल्हे उठा उठा कर मेरा पूरा लंड अपने चूत मै ना ले लो तो मेरा नाम बदल देना।"
फिर मैंने उससे अपना लंड मुह मे लेने के लिए कहा। तब वो बोली: "कितना बड़ा है तुम्हारा लंड मैं तो मर जाउंगी।"
"चिंता मत कर मेरी जान मैं धीरे धीरे करूँगा"
फिर वो मेरा लंड मुह में लेकर 20 मिनट तक चुसती रही। वो पहली बार ये सब कर रही थी लेकिन किसी जानकार लड़की की तरह यह सब कर रही थी। थोड़ी देर बाद हम 69 मै आ गये वो मेरे ऊपर थी ओर मेरा लंड खूब ज़ोर ज़ोर से जितना हो सकता था उतना अपने मुह में लेकर चुस रही थी।
मे भी उसकी चूत चाटने और चूसने लगा। तो वो छटपटाने लगी। मेने मेरी जीभ उसकी चूत मे डाल के उसे जीभ से चोदने लगा वो मुह से म्म्म्म माआ आअहह कर रही थी। उसे अब 2 मज़े मिल रहे थे। एक तो चूत चाटने का ओर दूसरा लंड चूसने का। मेरा लंड लोहे की तरह सख़्त हो गया था। अब मेने उसे बेड पर लिटा दिया और मेरा लंड उसकी चूत पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालने की कोशिश कर रहा था।
लेकिन चूत टाइट होने के कारण वो अंदर नही जा रहा था फिर मैं उठा ओर तेल लाकर उसकी चूत पर ओर कुछ अपने लंड पर लगा कर उसकी चूत के छेद पर लंड रखने के बाद मैने उसके होठ पर मेरे होठ रख के उसे किस करने लगा और एक ज़ोर का झटका दिया और पूरा लंड उसकी चूत में अंदर तक डाल दिया। उसके मुह से एक चीख निकल गयी लेकिन मेरे मुह के अंदर दब गयी। उसकी सील टूटने की वजह से उसका ब्लडिंग शुरू हो गया था और वो रोने लग गई थी। तो में थोड़ी देर उसकी टाइट और रसीली चूत मे मेरा बड़ा और मोटा लंड डाले हुए बिना हिले डुले उसके उपर पड़ा रहा और उसके बोब्स दबाता रहा और उसे किस करता रहा। फिर थोड़ी देर बाद उसे जब अच्छा लगने लगा तब मैने झटके देना शुरू किया। में उसकी बिल्कुल फ्रेश चूत में मेरा बड़ा और मोटा लंड अंदर-बाहर करके उसे चोद रहा था और वो भी नीचे से उसके कूल्हे उठा-उठा के मज़े लेकर मुजसे चुदवा रही थी।
उसके मुह से बड़ी अज़ीब सी आवाजे आ रही थी। "ओह्ह्ह मेरे राजा आज मुझे ओरत बना दो इस साली को फाड़ दो"
वो पूरा लंड ले रही थी और मूज़े ललकार रही थी: "और ज़ोर से चोदो अपनी रानी को। आज तुमने मूज़े स्वर्ग का मज़ा दिया है आआअहह। अब तो में तुमसे ही रोज़ाना चुदवाया करूँगी। फाड़ दो अपनी रानी की चूत को। बना दो उसका भोसड़ा"
उसके मुह से ऐसी बातें सुन के मुझे बड़ा जोश आ रहा था ओर ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत चोद रहा था हर धक्के मैं वो एक दो इंच उपर हो रही थी।
40 मिनट की चुदाई के बाद वो बोली: "मेरे राजा मैं झड़ने वाली हूँ। आआअहह लो मैं ज्झदीइईईईईई"
उसने मुझे अपने पेरो के बीच मैं जकड़ लिया था। मैं भी रुक गया वो जब पूरी तरह झड़ गयी तो बोली: "मेरी जान आज तुमने मुझे ओरत बना दिया है"
"तुम खुश तो होना?"
"आज से पहले मैं कभी भी इतनी खुश नही हुई।"
"ठीक है अभी मेरा झड़ना बाकी है अब तुम घोड़ी बन जाओ मैं तुम्हे पीछे से चोदुगा।"
वो तुरंत घूम गयी पीछे से उसके कूल्हे बहुत मस्त लग रहे थे।
फिर मैने पूछा: "क्या मैं तुम्हारी गांड मैं अपना लंड डाल सकता हूँ?"
"जो चाहे करो बस मुझे मज़ा आना चाहिए"
"शुरु मैं तोड़ा दर्द होगा"
"पता है। मै ना भी करूँ तब भी तुम ज़बरदस्ती मेरी गांड ज़रूर मारोगे वेसे मै भी गांड चुदवाने का मज़ा लेना चाहती हूँ… बस आराम से मारना मेरी गांड को"
"ठीक है"
फिर मैने तोड़ा तेल लिया ओर उसकी गांड पर लगाया ओर कुछ अपने लंड पर।
फिर मैने उसकी गांड के छेद पर अपना 6 इंच लंबा ओर 3.5 इंच मोटा लंड रखा ओर एक जोरदार धक्का मारा उसने अपने होट दबा लिए जिससे उसकी चीख बाहर नही आ सकी मैने देखा वो रो रही थी मैने पूछा: "रुपाली क्या दर्द हो रहा है तो रहने देते है"
"नही विकास अपना लंड मत निकालना पूरा लंड मेरी गांड मैं डाल दो"
मैं भी नही रुका ओर पूरा लंड बाहर करके एक जोरदार झटका मारा की पूरा का पूरा लंड उसकी गांड मैं समा गया।
फिर मैं रुका नही ओर खुब उसकी गांड मारता रहा उसकी गांड उसकी चूत से भी ज़्यादा टाइट थी मुझे उसकी गांड मारने मैं बहुत मज़ा आ रहा था ओर वो भी मेरी चुदाई का मज़ा ले रही थी.
"आह आअहह मारो राज ओर ज़ोर से मारो मेरी गांड मारते रहो मुझे तुमसे चुदवाने मैं बहुत मज़ा आ रहा है".
तकरीबन 30-35 मिनट उसे चोदने के बाद मैंने रुपाली को कहा: "मेरी जान मैं अब झड़ने वाला हूँ"
"प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मेरी गांड को अपने अनमोल रस से भर दो मैं तुम्हारा बहूँत एहसान मंद रहूंग"
इस दोरान मैं अपनी सीमा पर आ गया था ओर खूब ज़ोर ज़ोर से अपना लंड उसकी गांड मैं डाल कर चोद रहा था
"आहह म्म्म्म ह मारो मारो" चिल्ला रही थी की तभी मैं झड़ने लगा मैने अपना प्यारा रस उसकी गांड मैं डाल दिया। झड़ने के दोरान उसे भी मेरा रस अपनी गांड मै महसूसे हो रहा था जब मैं पूरा पानी उसकी गांड मै निकाल कर अपना लंड बाहर किया तो उसकी गांड से मेरा पानी बाहर आ रहा था।
फिर वो उठ कर बाथरूम गयी ओर कपड़े पहने। फिर मुझे किस करने लगी मेने रुपाली से पूछा: "तुम तो शादीशुदा हो फिर तुम्हारी चूत से ब्लड केसा?"
"किसी को बताना नही मेरे पति मुझे ठीक से चोद नही पाते है उनका लंड 3-4 इंच से ज़्यादा नही है। जिसकी वजह से मेरी सील भी नही तोड़ सके है वो तो 1 या 2 मिनट मै ही झड़ जाते है ओर मैं प्यासी रह जाती थी। तुम तो जानते हो संध्या को वो मेरी गुड फ्रेंड है। जब मैने उसे अपनी प्रोब्लम बताई तो उसने मुझसे प्रॉमिस लिया ओर बोला मैं तेरी प्रोब्लम ठीक कर सकती हूँ अगर तुम मानो तो फिर मैने संध्या से कहा की मे वादा करती हूँ की यह बात मेरे सीवा किसी को पता नही चलेगी उसके बाद उसने मुझे तुम्हारे ओर उसके रीलेशन के बारे मैं बताया ओर कहा की तुम चाहो तो विकास को पटा सकती हो ओर उसके लंड का मज़ा ले सकती हो।"
"फिर मै टिकट के बहाने तुमसे मिली ओर धीरे धीरे तुमसे खुल गयी"
मैं उसकी बात सुन कर हेरान था पर मुझे क्या मुझे तो चूत चाहिये थी जो मुझे मिली ओर वो भी फ्रेश फिर उसने पूछा: "विकास, जब कभी सेक्स करने का मोका मिलेगा तो क्या तुम मुझे चोदोगे?"
"तुम्हे ना करने वाला कोई पागल ही हो सकता है। तुम जब भी मुझे याद करोगी मैं आ जाउंगा।"
फिर वो मुझे किस करके चली गयी।
फिर दो तीन दिन तक वो मेरे यहा आई नही। लेकिन उसके बाद जब भी हमें मोका मिलता है मैं उससे खूब चोदता हूँ। आज तक मेने उसे कितनी बार चोदा है यह मुझे भी याद नही है . . .
धन्यवाद …
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